- राज्य में उग्रवाद पर कसा शिकंजा, कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी
नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले कुछ महीनों से जारी अस्थिरता और उग्रवाद की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा बलएक्शन मोड में हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों ने रविवार को एक संयुक्त अभियान मेंप्रतिबंधित संगठनों से जुड़े आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि इन उग्रवादियों की गिरफ्तारीथौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों से की गई।
कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (तैयबंगनबा) के चार सदस्य गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार,प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी - तैयबंगनबा गुट) के तीन सक्रिय सदस्यथौबल जिले के खोंगजोम बाजार से गिरफ्तार किए गए, जबकि संगठन के एक अन्य सदस्य कोइंफाल पूर्व जिले के पुरीरोम्बा से पकड़ा गया। पुलिस को संदेह है कि ये सभी सदस्य संगठन की स्थानीय गतिविधियों को संचालित करने और नये युवाओं की भर्ती कराने में सक्रिय थे।
यूएनएलएफ (पी) के दो सदस्य भी गिरफ्तार
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कियूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पी) के दो सदस्यथौबल जिले के चोंगथम कोना क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने बताया कि ये दोनों उग्रवादी संगठन के लिए वसूली और अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल थे।
गौरतलब है कियूएनएलएफ (पी) ने वर्ष2023 में केंद्र सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन संगठन के कुछ सदस्य अब भी सक्रिय हैं और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जा रहे हैं।
केसीपी (पीडब्ल्यूजी) के दो कार्यकर्ता भी दबोचे गए
इसके अलावा, पुलिस नेइंफाल पश्चिम जिले के वाहेंगबाम लेइकाई क्षेत्र में छापा मारकरकांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी गुट) के दो सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि उनके पास सेएक राइफल, ग्रेनेड, पिस्तौल, कारतूस और अन्य गोला-बारूद बरामद किए गए।
पुलिस और सुरक्षाबलों का संयुक्त अभियान जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राज्य के संवेदनशील इलाकों में उग्रवादी गतिविधियों की लगातार सूचना मिल रही थी। इसके बाद सुरक्षा बलों नेसंवेदनशील जिलों में तलाशी अभियान चलाया। अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और उग्रवाद से जुड़े सभी तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उग्रवाद पर नियंत्रण की दिशा में अहम कदम
मणिपुर में बीते एक वर्ष से स्थिति तनावपूर्ण रही है। जातीय हिंसा, उग्रवाद और हथियारों की अवैध तस्करी के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई थी। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी रणनीति तेज कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन गिरफ्तारियों से राज्य में उग्रवादी नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ेगा।
शांति समझौते के बाद भी सक्रिय हैं कुछ गुट
हालांकि कुछ संगठन केंद्र के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, फिर भी उनके कई सदस्यजबरन वसूली, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में लिप्त पाए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि इन गतिविधियों पर सख्ती से लगाम लगाई जाएगी ताकि राज्य में स्थायी शांति कायम की जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़ाई निगरानी
राज्य के सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है। ड्रोन और आधुनिक तकनीक की मदद से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि आने वाले समय में उग्रवाद के शेष नेटवर्क को भी पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
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