मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे तुरंत स्वीकार कर लिया गया। हालांकि, राज्यपाल ने बीरेन सिंह को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य जारी रखने के लिए कहा है, जब तक कि नए मुख्यमंत्री का चयन नहीं हो जाता।
मणिपुर में हिंसा और बढ़ता दबाव
बीरेन सिंह के इस्तीफे का मुख्य कारण मणिपुर में पिछले 21 महीनों से जारी जातीय हिंसा को माना जा रहा है। इस हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने लगातार केंद्र सरकार और बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली NDA सरकार को घेरा था।
अमित शाह से मुलाकात के बाद लिया फैसला
इस्तीफा देने से कुछ घंटे पहले एन बीरेन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद ही उन्होंने अपने पद से हटने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह और भाजपा नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद पार्टी ने नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिनों में मणिपुर को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है।
मणिपुर हिंसा पर पहले भी जताई थी संवेदना
एक महीने पहले, मणिपुर में हो रही हिंसा पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था,
“मुझे माफ करें, यह साल राज्य के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। 3 मई 2023 से अब तक जो भी घटनाएं हुई हैं, उनका मुझे गहरा दुख है। कई लोगों ने अपनों को खो दिया, कई ने अपने घर छोड़ दिए। मैं इसके लिए पूरी तरह से माफी मांगता हूं।”
मणिपुर को मिलेगा नया नेतृत्व
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब भाजपा नए मुख्यमंत्री की तलाश में जुट गई है। पार्टी जल्द ही नए चेहरे की घोषणा कर सकती है, जो मणिपुर में शांति बहाल करने और राज्य को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। आने वाले दिनों में इस विषय पर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने की संभावना है।
एन बीरेन सिंह का इस्तीफा मणिपुर की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव लाएगा। राज्य में लगातार जारी हिंसा, विपक्ष का बढ़ता दबाव और भाजपा के भीतर की चुनौतियां इस फैसले के मुख्य कारण बने। अब सभी की नजरें भाजपा के अगले कदम और मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के नाम पर टिकी हैं।