- हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 20 यात्री घायल हो गए
सरकाघाट/चंबा । हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बुधवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने कई परिवारों को गमगीन कर दिया। सरकाघाट उपमंडल के मसेरन के पास तरांगला में यात्रियों से भरी हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे खेतों में जा गिरी। हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 20 यात्री घायल हो गए। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस सामान्य गति से आगे बढ़ रही थी, लेकिन अचानक चालक का नियंत्रण वाहन से हट गया, जिससे बस कई फीट नीचे खेतों में जा गिरी। दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस व एंबुलेंस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य टीम ने घायलों को सरकाघाट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसे की जांच शुरू, प्रशासन सतर्क
हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में ब्रेक फेल होने या तेज मोड़ पर संतुलन बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। एचआरटीसी विभाग द्वारा भी आंतरिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना और बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया। मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

चंबा में शिक्षक की मौत
इसी बीच, चंबा जिले के मंडून गांव से भी एक दुखद सड़क हादसे की खबर सामने आई है। बीती रात एक निजी वाहन अनियंत्रित होकर एक मकान की टीन की छत पर जा गिरा। इस हादसे में खेम राज (पुत्र बृजलाल, निवासी बुंदेडी) की मौत हो गई। खेम राज पेशे से शिक्षक थे और समाज में एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते थे। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और मृतक के परिवार को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हादसों ने बढ़ाई चिंता
राज्य में लगातार हो रहे सड़क हादसों ने एक बार फिर से पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खराब सड़कों, तीव्र मोड़ों और चालकों की लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बसों की नियमित फिटनेस जांच और चालकों की ट्रैनिंग पर विशेष ध्यान देने की मांग की है।