नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री से संन्यासिनी बनीं ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शामिल होकर उन्होंने अपना पिंडदान किया था, जिसके बाद उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी। लेकिन इस नियुक्ति के बाद से ही कई धार्मिक संगठनों और शंकराचार्यों की ओर से सवाल उठाए जा रहे थे।
महामंडलेश्वर बनने पर उठे सवाल
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद धार्मिक जगत में इस निर्णय को लेकर विवाद गहराने लगा था। कई धर्माचार्यों ने उनके अतीत को लेकर आपत्ति जताई थी और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। विवाद इतना बढ़ा कि इसे लेकर अखाड़ों के बीच भी मतभेद उत्पन्न हो गए।
ममता का इस्तीफा, 25 साल से साध्वी होने का दावा
सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देते हुए ममता कुलकर्णी ने कहा, “मैं महामंडलेश्वर यामाई ममता नंदगिरी, इस पद से इस्तीफा दे रही हूं। किन्नर अखाड़े या दो अखाड़ों में मेरे महामंडलेश्वर के पद को लेकर काफी समस्याएं हो रही हैं। मैं पिछले 25 साल से साध्वी थी और साध्वी ही रहूंगी।”
उन्होंने आगे कहा कि, “मेरी नियुक्ति के बाद से ही कई तरह के सवाल उठ रहे थे। शंकराचार्य समेत कई लोगों को इस पर आपत्ति थी। मैं किसी भी प्रकार की विवादास्पद स्थिति नहीं चाहती। इसलिए मैंने महामंडलेश्वर का पद त्यागने का निर्णय लिया है।”
फिल्मी दुनिया को पहले ही कह चुकीं अलविदा
ममता कुलकर्णी ने बताया कि उन्होंने 25 साल पहले ही बॉलीवुड छोड़ दिया था और आध्यात्म की राह पकड़ ली थी। उन्होंने कहा, “मेरा फिल्मी दुनिया से कोई नाता नहीं है। मैं पूरी तरह से संन्यास का जीवन जी रही हूं। मुझे अपनी साधना और साध्वी जीवन में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं चाहिए।”
किन्नर अखाड़े की प्रतिक्रिया
ममता कुलकर्णी के इस्तीफे पर किन्नर अखाड़े की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के बाद अखाड़े के कई वरिष्ठ पदाधिकारी राहत महसूस कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएं
अपने इस्तीफे के बाद ममता ने कहा कि वह अब अपने आध्यात्मिक जीवन पर ध्यान केंद्रित करेंगी और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में जुटी रहेंगी। उन्होंने कहा, “मैं साध्वी के रूप में अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखूंगी और भगवद्भक्ति में लीन रहूंगी।”
क्या था विवाद?
ममता कुलकर्णी का नाम 90 के दशक में बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्रियों में शुमार था, लेकिन बाद में वह अचानक फिल्मी दुनिया से गायब हो गईं। उनका नाम एक समय अंडरवर्ल्ड से भी जुड़ा था, जिसके कारण उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि को लेकर कई संतों और संगठनों ने आपत्ति जताई थी।
ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा कहीं न कहीं उनके अतीत और विवादों के कारण ही हुआ है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह संन्यासी जीवन में बनी रहेंगी और अपने आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ेंगी। अब देखना यह होगा कि उनके इस फैसले के बाद धार्मिक संगठनों और किन्नर अखाड़े की क्या प्रतिक्रिया आती है।