- पिछले 24 घंटों में राज्य के अलग-अलग जिलों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी
मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र के कई हिस्से इन दिनों लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में राज्य के अलग-अलग जिलों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं, लेकिन हालात गंभीर बने हुए हैं।
विभिन्न जिलों में मौतें और तबाही
अधिकारियों के अनुसार, नासिक जिले में 4 लोगों की, धाराशिव और अहिल्यानगर में 2-2 लोगों की तथा जालना और यवतमाल में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है। भारी बारिश और जलभराव के चलते कई जगह हादसे हुए, जिससे जनहानि और संपत्ति का नुकसान हुआ।

मराठवाड़ा में बाढ़ का संकट
मराठवाड़ा क्षेत्र के छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, नांदेड़, हिंगोली और परभणी जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी घुस गया है और हजारों लोग फंसे हुए हैं। अब तक राज्यभर से 11,800 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
मुंबई और नासिक में हालत बिगड़े
राजधानी मुंबई में शनिवार रात से लगातार भारी बारिश हो रही है। जगह-जगह जलभराव से यातायात बाधित हुआ और जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं नासिक में गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नदी किनारे स्थित रामकुंड इलाके के कई मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
राहत और बचाव कार्य
स्थिति से निपटने के लिए पूरे महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा पुणे में 2 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत तैनाती की जा सके। प्रशासन स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है।

तमहिनी घाट में रिकॉर्ड बारिश
पुणे जिले की मुलशी तहसील में स्थित सुरम्य तमहिनी घाट इस मानसून सीजन में सबसे अधिक बारिश दर्ज करने वाला स्थान बन गया है। यहां अब तक 9,000 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा इस साल पूरे भारत में सबसे अधिक है। अब तक पूर्वोत्तर के मेघालय के चेरापूंजी और मौसिनराम सबसे ज्यादा बारिश के लिए जाने जाते थे, लेकिन इस बार तमहिनी घाट ने नया रिकॉर्ड बना दिया है।
लोगों में दहशत और चिंता
लगातार बारिश और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोग दहशत में हैं। कई जगहों पर घर, दुकानें और खेत जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली और संचार सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। लोग राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।





