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February 8, 2025 9:35 AM

दिल्ली में बड़ा मंथन: शिंदे, फडणवीस और अजित पवार मिलकर करेंगे महायुति का भविष्य तय; झारखंड में 28 नवंबर को हेमंत सोरेन लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

"महाराष्ट्र में महायुति की बड़ी बैठक: 2024 चुनाव से पहले शिंदे, फडणवीस और पवार का दिल्ली दौरा। पढ़ें महायुति सरकार के फॉर्मूले की पूरी जानकारी।"

महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। महायुति (भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के बीच सत्ता साझा करने को लेकर सहमति बन चुकी है। इस फॉर्मूले के तहत एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी मुख्यमंत्री बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपनी जिम्मेदारी संभालते रहेंगे, जबकि डिप्टी सीएम के पद पर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार बने रहेंगे।

दिल्ली में होगा बड़ा फैसला

इस बड़े राजनीतिक फैसले को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एकसाथ दिल्ली जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ इन तीनों नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन को लेकर चर्चा हो सकती है।

महायुति में सत्ता संतुलन की कवायद

महाराष्ट्र में महायुति की सरकार को स्थायित्व प्रदान करने के लिए यह फॉर्मूला लाया गया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे, भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अजित पवार के बीच सत्ता का बंटवारा संतुलित तरीके से किया जा रहा है। तीनों नेताओं का दिल्ली दौरा इस बात की ओर संकेत करता है कि आगामी दिनों में कुछ और बड़े फैसले हो सकते हैं।

झारखंड में भी हलचल: हेमंत सोरेन लेंगे शपथ

दूसरी ओर, झारखंड में भी राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 28 नवंबर को अपने पद की शपथ लेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने एक बार फिर से राजनीतिक स्थिरता का संदेश दिया है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए रांची में तैयारियां जोरों पर हैं, और इसमें विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है।

भविष्य की रणनीतियां

महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों में राजनीतिक घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले के समीकरणों को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदम माने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां महायुति की मजबूती का प्रयास है, वहीं झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।

आगामी समय में इन घटनाक्रमों का राष्ट्रीय राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने लायक होगा।

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