मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा विदेशी शराब (IMFL) और देसी शराब पर एक्साइज ड्यूटी में भारी इजाफा किए जाने के फैसले ने शराब बाजार में भूचाल ला दिया है। मंगलवार, 11 जून 2025 को प्रमुख शराब कंपनियों के शेयरों में 6% तक की गिरावट देखने को मिली, जबकि कुछ कंपनियों के शेयरों में 19% तक की तेजी भी दर्ज हुई।
यह दोहरी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि जहां मैकडॉवेल्स व्हिस्की बनाने वाली यूनाइटेड स्पिरिट्स, एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स और रेडिको खेतान जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर गिरे, वहीं दूसरी ओर सुला वाइनयार्ड्स, जीएम ब्रुअरीज और सोम डिस्टिलरीज के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई।
एक्साइज ड्यूटी में 50% बढ़ोतरी, शराब महंगी होगी
महाराष्ट्र सरकार ने भारत में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर 50% तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। पहले जहां यह ड्यूटी प्रोडक्शन कॉस्ट की तीन गुना थी, अब इसे बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया गया है। इससे शराब की खुदरा कीमतें सीधे तौर पर प्रभावित होंगी।
सरकार ने देसी शराब पर भी टैक्स बढ़ा दिया है। अब तक ₹180 प्रति प्रूफ लीटर की दर से टैक्स लगता था, जो अब बढ़ाकर ₹205 प्रति प्रूफ लीटर कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि बाजार में हर वर्ग की शराब महंगी होगी, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा।
शराब की नई श्रेणी ‘महाराष्ट्र मेड लिकर’ (MML)
इस टैक्स वृद्धि के साथ ही सरकार ने एक नई कैटेगरी ‘महाराष्ट्र मेड लिकर (MML)’ की घोषणा की है। यह कैटेगरी खासतौर पर उन प्रोडक्ट्स के लिए होगी जो महाराष्ट्र में निर्मित और पंजीकृत होंगे, और यह देसी शराब और IMFL के बीच की खाई को भरने का प्रयास है।
इस नई कैटेगरी में अनाज से बनी शराब शामिल होगी और इसे FL-2 और FL-3 लाइसेंस वाले विक्रेताओं के जरिए बेचा जाएगा। MML पर देसी शराब जैसा टैक्स स्ट्रक्चर लागू किया जाएगा, जिससे यह ब्रांड्स अपेक्षाकृत सस्ती कीमत पर बाजार में उपलब्ध रहेंगे।
कंपनियों पर असर: किसे नुकसान, किसे फायदा?
- नुकसान में:
यूनाइटेड स्पिरिट्स, एलाइड ब्लेंडर्स और रेडिको खेतान जैसे बड़े ब्रांड्स जो महाराष्ट्र में IMFL की बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं, उनके लिए यह टैक्स स्ट्रक्चर लागत और कीमत दोनों में वृद्धि लाएगा, जिससे इनकी बिक्री और मुनाफा प्रभावित हो सकता है। - फायदे में:
वहीं, सुला वाइनयार्ड्स, सोम डिस्टिलरीज और जीएम ब्रुअरीज जैसी कंपनियां, जिनका उत्पादन और ब्रांडिंग स्थानीय स्तर पर केंद्रित है, MML कैटेगरी से मिलने वाले अवसरों का फायदा उठा सकती हैं। इस कारण इनके शेयरों में तेजी आई है।
शराब महंगी होगी, तस्करी बढ़ने की आशंका
नए टैक्स स्ट्रक्चर के तहत कुछ शराब की नई कीमतें इस प्रकार हो सकती हैं:
- 180ml देसी शराब: ₹60-70 से बढ़कर ₹80
- IMFL की न्यूनतम कीमत: ₹115-130 से बढ़कर ₹205
- प्रीमियम विदेशी शराब: ₹210 से बढ़कर ₹360
- MML (नवघोषित कैटेगरी): ₹148
महाराष्ट्र पहले से ही देश में शराब पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाला राज्य है। अब इस वृद्धि के बाद अन्य राज्यों से तस्करी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां टैक्स अंतर अधिक है।
सरकार को राजस्व में बड़ा फायदा
महाराष्ट्र सरकार का अनुमान है कि इस निर्णय से उसकी वार्षिक एक्साइज इनकम ₹14,000 करोड़ तक बढ़ सकती है। साथ ही MML सेगमेंट का मौजूदा आकार 5-6 करोड़ लीटर से बढ़कर 10-11 करोड़ लीटर तक हो सकता है, जिससे ₹3,000 करोड़ अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय से राज्य को जहां राजस्व लाभ होगा, वहीं शराब कंपनियों के कारोबार और उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। MML जैसी नई कैटेगरी कुछ कंपनियों के लिए नया अवसर है, जबकि IMFL निर्माताओं के लिए यह फैसला चुनौतीपूर्ण दौर साबित हो सकता है।
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