महाराष्ट्र चुनाव पर झूठा दावा: चुनाव विश्लेषक ने मांगी माफी, भाजपा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सामने आए ‘वोट चोरी’ विवाद में बड़ा मोड़ तब आया जब लोकनीति-सीएसडीएस के चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने अपने आंकड़ों में की गई गलती को स्वीकारते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। संजय कुमार ने स्वीकार किया कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय उनकी टीम से गलती हुई और इसी आधार पर उन्होंने गलत दावा कर दिया था। उन्होंने एक्स पर अपना पुराना ट्वीट डिलीट करते हुए लिखा – “महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े ट्वीट पर मैं सच में माफी मांगता हूं। 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की तुलना में हमारी टीम से चूक हुई। गलत सूचना फैलाने का मेरा कोई इरादा नहीं था।”

भाजपा का तीखा हमला
संजय कुमार के इस माफीनामे के बाद भाजपा ने उन पर और राहुल गांधी पर तीखे प्रहार किए। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह कोई साधारण भूल नहीं है बल्कि पूर्वाग्रह का नतीजा है। उन्होंने लिखा – “माफी अंदर और संजय कुमार बाहर! यह व्यक्ति बार-बार भाजपा को हारते हुए दिखाता है और जब उल्टा होता है तो टीवी पर आकर विश्लेषण करता है। सीएसडीएस ने बिना सत्यापन के आंकड़े जारी किए, यह विश्लेषण नहीं बल्कि पूर्वाग्रह की पुष्टि है।”
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी “शMohabbat की दुकान नहीं बल्कि झूठ की दुकान और शोरूम चला रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग और मतदाताओं पर गंभीर और निराधार आरोप लगाए, जिससे लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुँची।
राहुल गांधी पर बढ़ा दबाव
भाजपा नेताओं ने कहा कि जिस संस्थान के आंकड़ों पर भरोसा कर राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, उसी संस्थान ने अब गलती मान ली है। ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस को जनता से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। अमित मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपनी ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’ छोड़कर जनता से गैर-जिम्मेदाराना राजनीति के लिए माफी मांगनी चाहिए।
क्या था झूठा दावा?
संजय कुमार ने अपने डिलीट किए गए पोस्ट में दावा किया था कि महाराष्ट्र विधानसभा क्षेत्र रामटेक (59) में 2024 के लोकसभा चुनाव में 4,66,203 वोटर थे, जो विधानसभा चुनाव में घटकर 2,86,931 रह गए। यानी 38.45% वोटरों की संख्या कम हो गई। इसी तरह, देवलाली (126) में लोकसभा चुनाव के समय 4,56,072 मतदाता थे, जबकि विधानसभा चुनाव में यह संख्या घटकर 2,88,141 हो गई, यानी 36.82% की गिरावट। इन आंकड़ों ने राजनीतिक हलकों में ‘वोट चोरी’ की बहस को हवा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस विवाद के बीच सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘कथित फ़र्ज़ी मतदान’ को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में प्रस्तुत किए गए तर्कों और तथ्यों में ठोस आधार नहीं है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर और आक्रामक रुख अपना लिया है।
संजय कुमार का माफीनामा भले ही यह दिखाता है कि यह गलती तकनीकी थी, लेकिन सियासी मोर्चे पर इसके गंभीर नतीजे सामने आए हैं। भाजपा इसे राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ नैरेटिव पर करारा प्रहार बता रही है, वहीं कांग्रेस अब बचाव की मुद्रा में है। आने वाले दिनों में यह विवाद और राजनीतिक हमलों का बड़ा मुद्दा बनने की पूरी संभावना है।
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