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February 8, 2025 10:12 PM

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: भाजपा का रिकॉर्ड प्रदर्शन, ‘लाडकी बहीण योजना’ बनी जीत की कुंजी

महाराष्ट्र चुनाव 2024 भाजपा जीत

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 83% की सफलता दर हासिल की है। पार्टी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 124 सीटों पर बढ़त बनाकर अपनी पकड़ मजबूत की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नतीजों के बाद कहा कि महायुति के तीनों दल मिलकर अगले मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। इस जीत में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की महायुति की एकजुटता और सरकार की योजनाओं का बड़ा योगदान रहा।

भाजपा का अद्वितीय प्रदर्शन

चुनाव में भाजपा ने न सिर्फ अपनी पकड़ मजबूत की, बल्कि महायुति के सहयोग से राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव और बढ़ाया। भाजपा की 83% सफलता दर इस बात का प्रमाण है कि पार्टी ने चुनावी समीकरणों को समझते हुए जनता के भरोसे को कायम रखा।

लाडकी बहीण योजना ने बदला खेल

महिलाओं को साधने के लिए भाजपा की ‘लाडकी बहीण योजना’ सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक साबित हुई। इस योजना के तहत:

  • महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
  • स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी गई।

इस योजना ने महिलाओं के वोटबैंक में भाजपा को जबरदस्त बढ़त दिलाई, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में।

महायुति की रणनीति ने किया विपक्ष को मात

महायुति (भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट, एनसीपी अजित पवार गुट) ने मिलकर चुनाव लड़ा और हर वर्ग तक अपनी पहुंच बनाई।

  • शिवसेना (शिंदे गुट) ने मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच अपनी पकड़ मजबूत रखी।
  • एनसीपी (अजित पवार गुट) ने किसानों और युवाओं के बीच अपनी योजनाओं का प्रभाव डाला।

महायुति की एकजुटता ने कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) जैसे विपक्षी दलों को कमजोर कर दिया।

विपक्ष का संघर्ष और गिरावट

कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेतृत्व वाला विपक्ष महायुति के सामने कमजोर साबित हुआ।

  • कांग्रेस ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 35 सीटों पर बढ़त बना पाई।
  • एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) का प्रदर्शन भी औसत रहा।

विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन महायुति की योजनाओं और जमीनी रणनीतियों के सामने उनकी कोशिशें नाकाम रहीं।

सामाजिक समीकरणों का महत्व

महायुति ने राज्य में ओबीसी, मराठा, दलित और आदिवासी समुदायों को जोड़ने के लिए सटीक रणनीति अपनाई। महिलाओं और युवाओं को लुभाने वाली योजनाओं ने गठबंधन को व्यापक जनसमर्थन दिलाया।

नतीजों का विश्लेषण

  1. भाजपा: 149 सीटों पर लड़ी, 124 पर बढ़त।
  2. शिवसेना (शिंदे गुट): 55 सीटों पर चुनाव लड़ा, 37 पर आगे।
  3. एनसीपी (अजित पवार गुट): 48 सीटों पर चुनाव लड़ी, 31 पर बढ़त।
  4. कांग्रेस: 122 सीटों पर चुनाव लड़ा, केवल 35 पर बढ़त।
  5. शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार गुट): कमजोर प्रदर्शन।

आगे का रास्ता: मुख्यमंत्री चयन पर चर्चा

महायुति की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। भाजपा की बढ़त के बावजूद महायुति के अन्य घटकों को साथ लेकर चलने की रणनीति अपनाई जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह संकेत दिया कि यह फैसला तीनों दल मिलकर लेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और महायुति का प्रदर्शन स्पष्ट करता है कि जमीनी योजनाओं और मजबूत गठबंधन ने इस बार राजनीतिक समीकरण बदल दिए। ‘लाडकी बहीण योजना’ जैसी योजनाओं और महायुति की एकजुटता ने जनता का विश्वास जीता। यह चुनाव विपक्ष के लिए सबक है कि जनता के मुद्दों को समझे बिना चुनावी मैदान में उतरना आसान नहीं।

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