भंडारा, महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के भंडारा जिले के जवाहर नगर स्थित आयुध निर्माणी (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री) में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया। फैक्ट्री में हुए एक जोरदार धमाके के कारण 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 12 लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा?
घटना सुबह के समय हुई जब फैक्ट्री में सामान्य कामकाज चल रहा था। अचानक हुए धमाके के कारण फैक्ट्री की छत गिर गई। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि धमाके के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक, विस्फोट इतना जोरदार था कि फैक्ट्री के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा है।
बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद भंडारा जिला कलेक्टर संजय कोलते ने जानकारी दी कि मौके पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमें भेज दी गई हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन की मदद ली जा रही है। अब तक 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि अन्य लोगों को निकालने का काम जारी है।
फैक्ट्री के हालात
आयुध निर्माणी फैक्ट्री में सुरक्षा और बचाव टीमों ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है। फैक्ट्री के प्रबंधन और सुरक्षा पीआरओ के अनुसार, छत गिरने की वजह से कई कर्मचारी मलबे में फंसे हुए हैं। हादसे के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने फैक्ट्री के पूरे क्षेत्र को खाली करा दिया है और आसपास के लोगों को दूर रहने की सलाह दी है।
अब तक का नुकसान
फिलहाल हादसे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, अन्य 12 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है।
जांच के आदेश
धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए फैक्ट्री प्रबंधन और जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। घटनास्थल पर मौजूद विशेषज्ञों की टीम धमाके के पीछे की तकनीकी और संभावित मानवीय चूक की जांच कर रही है।
मृतकों के परिवारों को सहायता
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार और फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। घायलों के इलाज का खर्च भी सरकार वहन करेगी।
भंडारा की इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह हादसा न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि सुरक्षा मानकों के पालन के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है। घटना की जांच जारी है, और विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही इसके असली कारणों का पता चल सकेगा।
फिलहाल राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता पर है, और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति और सहायता का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।