प्रयागराज। महाकुंभ का 16वां दिन बेहद भीड़-भाड़ से भरा हुआ था, जिसमें सुबह से अब तक 2.39 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। 13 जनवरी से अब तक लगभग 17.15 करोड़ श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी संख्या संगम की ओर बढ़ रही थी, जिसके चलते इलाके में भारी जाम लग गया। संगम से लेकर 15 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सड़कें पूरी तरह से जाम हो गईं।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण प्रशासन की आपात बैठकें
मौनी अमावस्या के एक दिन पहले, जब श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना थी, तो प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर रातभर मंथन किया। सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों ने कई दौर की मीटिंग की, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई। इसी बीच आज सुबह ADG जोन भानु भास्कर और कमिश्नर ने एक आपातकालीन बैठक बुलाकर अधिकारियों को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस, रेलवे और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तर पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जाम की स्थिति और यातायात की समस्याएं
आज के दिन मेला क्षेत्र में यातायात की स्थिति बेहद जटिल हो गई है। श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें संगम तक पहुंचने के लिए पार्किंग से लेकर स्टेशन तक पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी है, जिससे श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है। संगम से 15 किलोमीटर तक के इलाके में जाम की स्थिति बनी हुई है।
प्रशासन की अपील और सुरक्षा व्यवस्था
मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने और भी कड़े कदम उठाए हैं। यहां पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरों की मदद से कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी असामान्य गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके। DM ने प्रयागराज के नागरिकों से भी अपील की है कि वे मेला क्षेत्र में अपनी कार से न आएं। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो श्रद्धालु पैदल ही संगम की ओर बढ़ें, और यदि जरूरी हो तो बाइक से यात्रा करें। इससे जाम की स्थिति को कम किया जा सकता है और श्रद्धालुओं को अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

महाकुंभ की महिमा
महाकुंभ का आयोजन हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है, और यह हर 12 साल में एक बार होता है। हर दिन लाखों श्रद्धालु इस पवित्र अवसर पर संगम में स्नान करने आते हैं, ताकि उनके पाप धुल सकें और उन्हें मोक्ष प्राप्त हो। इस समय भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और सुरक्षा बलों ने अपनी पूरी ताकत से व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की है।
प्रशासन की कोशिशों के बावजूद, लगातार बढ़ती श्रद्धालु संख्या और जाम की स्थिति से निपटना एक बड़ी चुनौती है। इस दौरान श्रद्धालुओं को सहयोग देने की अपील की गई है ताकि महाकुंभ का यह धार्मिक आयोजन शांति और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सके।