प्रयागराज, 14 फरवरी (आईएएनएस)। धर्म, आस्था और संस्कृति का महापर्व ‘महाकुंभ 2025’ इतिहास रच चुका है। तीर्थराज प्रयागराज में 13 जनवरी से जारी इस दिव्य और भव्य आयोजन में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह आंकड़ा किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की सबसे बड़ी सहभागिता बन गया है।

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Prayagraj: Devotees take a holy dip at the Triveni Sangam, the confluence of the Ganga, Yamuna, and the mythological Saraswati rivers, during the ongoing Maha Kumbh Mela 2025, in Prayagraj on Friday, February 14, 2025. (Photo: IANS)

विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

महाकुंभ में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी विशाल है कि यह अमेरिका, पाकिस्तान, ब्राजील, रूस और बांग्लादेश सहित कई देशों की कुल जनसंख्या से अधिक हो चुकी है। यूएस सेंसस ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही इस संख्या से अधिक है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बना देता है।

सीएम योगी की भविष्यवाणी हुई सच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान लगाया था, जो 11 फरवरी को पूरा हो गया था। अब, 14 फरवरी तक यह संख्या 50 करोड़ को पार कर चुकी है। अभी महाकुंभ के 12 दिन और एक प्रमुख स्नान पर्व शेष है, जिससे यह आंकड़ा 55 से 60 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

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Prayagraj: Devotees return after taking a holy dip at the Triveni Sangam, the confluence of the Ganga, Yamuna, and the mythological Saraswati rivers, during the ongoing Maha Kumbh Mela 2025, in Prayagraj on Friday, February 14, 2025. (Photo: IANS)

विशेष स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं का सैलाब

अब तक प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या इस प्रकार रही:

  • मौनी अमावस्या: 8 करोड़ श्रद्धालु
  • मकर संक्रांति: 3.5 करोड़ श्रद्धालु
  • बसंत पंचमी: 2.57 करोड़ श्रद्धालु
  • पौष पूर्णिमा: 1.7 करोड़ श्रद्धालु
  • माघी पूर्णिमा: 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु
  • 30 जनवरी और 1 फरवरी: 2-2 करोड़ श्रद्धालु

महाकुंभ: सनातन संस्कृति का भव्य प्रतीक

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में लाखों साधु-संत, गृहस्थ, कल्पवासी और श्रद्धालु डुबकी लगाकर सनातन संस्कृति की अद्वितीय मिसाल पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के सुव्यवस्थित प्रयासों से इस आयोजन ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरे विश्व को प्रभावित किया है।

महाकुंभ अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि सनातन धर्म के विराट स्वरूप का प्रतीक बन गया है, जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता की मिसाल पेश कर रहा है।