प्रयागराज। महाकुंभ 2025 अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है। आज का दिन मकर संक्रांति के पावन पर्व पर अमृत स्नान का पहला अवसर था। संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 8:30 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं में भक्ति और उत्साह का संचार बना रहा।
भोर में शुरू हुई स्नान की शुभ घड़ी
ब्रह्म मुहूर्त में जैसे ही पहली किरण धरती पर पड़ी, श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए उमड़ पड़े। मकर संक्रांति के इस शुभ दिन पर संगम पर डुबकी लगाकर लोगों ने सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। कई श्रद्धालु रातभर जागकर ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार करते रहे। घाटों पर विदेशी भक्तों की भी उपस्थिति देखने को मिली, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को करीब से अनुभव करने आए हैं।
नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा
शाही स्नान के अवसर पर अखाड़ों की भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ। पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधु अपने परंपरागत राजसी स्वरूप में निकले। भाला, त्रिशूल, तलवार जैसे शस्त्रों से सुसज्जित नागा साधु घोड़े और रथों पर सवार होकर संगम पहुंचे। पूरे मेला क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत माहौल था। भजन मंडलियों के गीत और श्रद्धालुओं के जयघोष ने इस दिव्य दृश्य को और खास बना दिया।
अवधेशानंद गिरि ने किया स्नान
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मकर संक्रांति पर अमृत स्नान किया। उनके साथ लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। उनकी उपस्थिति से वातावरण और भी भक्तिमय हो गया।
स्टीव जॉब्स की पत्नी भी पहुंचीं कुंभ
महाकुंभ के आकर्षण में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलासानंद सरस्वती के साथ एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी शामिल हुईं। भगवा वस्त्रों में सजी-धजी लॉरेन, जिन्हें भारतीय नाम ‘कमला’ दिया गया है, एक रथ पर सवार होकर संगम पहुंचीं। उन्होंने पौष पूर्णिमा पर कल्पवास आरंभ किया और अमृत स्नान में हिस्सा लिया।
दिव्य सजावट से जगमगाया कुंभ मेला क्षेत्र
महाकुंभ मेला क्षेत्र को दिव्य और भव्य सजावट से सजाया गया है। चारों ओर आध्यात्मिकता का प्रकाश और भक्ति का माहौल है। संगम तट पर बनी 12 किलोमीटर लंबी घाटों की श्रृंखला पर श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। ब्रह्म मुहूर्त से ही घाटों पर भारी भीड़ जुटी हुई है।
अखाड़ों का स्नान कार्यक्रम
अमृत स्नान का यह आयोजन करीब साढ़े नौ घंटे तक चला। अखाड़ों के साधु-संतों का संगम तट पर पहुंचना और वापस शिविर लौटने में 12 घंटे से अधिक का समय लगा। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी मुस्तैदी से काम किया।
श्रद्धालुओं का उत्साह
ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। मेला क्षेत्र में आध्यात्मिकता और आस्था की गूंज सुनाई देती रही। संगम पर आए लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ इस पवित्र क्षण का हिस्सा बनकर खुद को धन्य महसूस कर रहे थे।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत भव्यता और आध्यात्मिकता से भरी रही। आने वाले दिनों में यहां और भी कई ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन होंगे, जो लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगे।