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March 14, 2025 6:07 PM

महाकुंभ के आखिरी तीन दिन: 61 करोड़ श्रद्धालुओं ने अब तक किया स्नान, प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ का मेले में प्रसारण

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प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 के समापन में अब सिर्फ तीन दिन शेष हैं। जैसे-जैसे कुंभ अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर उमड़ रही है। आज कुंभ का 42वां दिन है, और सुबह से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह 8 बजे तक 31.70 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। अब तक 13 जनवरी से लेकर 42 दिनों में कुल 61.44 करोड़ लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर यह संख्या 65 करोड़ को पार कर जाएगी

प्रधानमंत्री मोदी की ‘मन की बात’ का विशेष प्रसारण

आज के दिन एक और खास कार्यक्रम हुआ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड का कुंभ क्षेत्र में विशेष प्रसारण किया गया। कुंभ मेले में 8,000 से ज्यादा लाउडस्पीकरों के जरिए श्रद्धालुओं को यह कार्यक्रम सुनाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महाकुंभ की भव्यता का उल्लेख करते हुए इसे सनातन संस्कृति की अनूठी विरासत और भारत की आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि कुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि यह भारत की एकता, समरसता और श्रद्धा का प्रतीक है

श्रद्धालुओं की संख्या और व्यवस्था

उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस समय दुनिया भर में लगभग 120 करोड़ सनातनी हिंदू हैं। इनमें से अब तक 50% से अधिक, यानी लगभग 61 करोड़ लोग कुंभ में स्नान कर चुके हैं। प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि महाशिवरात्रि पर यह संख्या और बढ़ेगी और 65 करोड़ से ज्यादा लोग पवित्र स्नान करेंगे

श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को लेकर कई कड़े कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र के बाहर भीषण जाम की स्थिति बनी हुई है। बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।

रेलवे ने बढ़ाई ट्रेन सेवाएं, 67 ट्रेनें रद्द

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने छोटे रूट की ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी है, ताकि अधिक से अधिक लोग मेले में आ सकें। हालांकि, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 67 लंबी दूरी की ट्रेनों को 22 फरवरी से 1 मार्च के बीच के लिए रद्द किया गया है

रेलवे के अनुसार, इन ट्रेनों को रद्द करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेनों का संचालन करना है, जिससे स्थानीय स्तर पर यात्रियों को सुविधा मिल सके।

PATNA, FEB 23 (UNI):- Passengers trying to board an overcrowded train amid ongoing Mahakumbh Mela at Patna Railway Station, on Sunday. UNI PHOTO-72U

प्रयागराज के एंट्री पॉइंट्स पर ट्रैफिक कंट्रोल

भीड़ को देखते हुए प्रयागराज के सात मुख्य प्रवेश द्वारों पर बाहरी वाहनों की एंट्री रोक दी गई है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सभी सात एंट्री पॉइंट्स पर एक-एक आईजी स्तर के अधिकारी को तैनात किया गया है ताकि यातायात को सुचारु रूप से नियंत्रित किया जा सके।

इसके अलावा, ट्रैफिक जाम से बचने के लिए प्रशासन ने पार्किंग व्यवस्था को भी सुधारने के निर्देश दिए हैं और वाहनों के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं।

एयरपोर्ट और शहर में बढ़ती भीड़

श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण प्रयागराज एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर भी जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। एयरपोर्ट पर चाय-कॉफी तक खरीदने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं

स्थानीय होटल और धर्मशालाएं भी फुल हो चुकी हैं, और बड़ी संख्या में लोग अस्थायी टेंट और खुले मैदानों में ठहर रहे हैं। प्रशासन ने अतिरिक्त पानी और भोजन की व्यवस्था की है ताकि किसी को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

महाकुंभ 2025 की विशेषताएं

  • आस्था और संस्कृति का महासंगम: 42 दिनों में 61 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।
  • सुरक्षा का विशेष प्रबंध: लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात।
  • यातायात नियंत्रण: 7 प्रमुख एंट्री पॉइंट्स पर वाहनों की एंट्री रोकी गई।
  • रेलवे की व्यवस्था: लंबी दूरी की 67 ट्रेनें रद्द, अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
  • मोदी की ‘मन की बात’ का प्रसारण: 8,000 लाउडस्पीकरों पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का सीधा प्रसारण।

महाशिवरात्रि पर अंतिम बड़ा स्नान

अब कुंभ मेले के अंतिम और सबसे बड़े स्नान पर्व महाशिवरात्रि (26 फरवरी) पर श्रद्धालुओं की संख्या अपने चरम पर पहुंचने की संभावना है। सरकार और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से इस आयोजन को सफल बनाने में जुटा हुआ है।

महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि यह दुनिया का सबसे बड़ा मानव जमावड़ा भी साबित हो रहा है। जैसे-जैसे अंतिम दिन नजदीक आ रहे हैं, संगम नगरी श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई है, और पूरा वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर है।

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