प्रयागराज: विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ अपने चरम पर है। श्रद्धालुओं की आस्था का ज्वार इस बार नए रिकॉर्ड बना रहा है। महाकुंभ के 32वें दिन यानी मंगलवार सुबह 10 बजे तक 27.30 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। वहीं, 13 जनवरी से अब तक कुल 48.29 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अनुमान है कि अब प्रयागराज शहर और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ संगम में पुण्य स्नान के लिए आएंगे।
भीड़ को देखते हुए स्कूल बंद, ऑनलाइन होगी पढ़ाई
शहर में बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए प्रशासन ने 15 फरवरी तक कक्षा 8 तक के स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है। हालांकि, छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई है। इस बीच, 13 फरवरी से आईसीएसई और सीआईएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू हो रही हैं। परीक्षार्थियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र ट्रैफिक जाम के कारण परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच पाता है तो बोर्ड उसके लिए नई तारीख में परीक्षा आयोजित करेगा।
माघ पूर्णिमा स्नान के बाद स्टेशन और बस अड्डों पर श्रद्धालुओं का सैलाब
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्नान करने के बाद श्रद्धालु अपने घरों को लौटने के लिए प्रयागराज रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर उमड़ पड़े। भारी भीड़ के कारण यात्री रातभर स्टेशन और बस अड्डों पर भटकते नजर आए। कई लोग थक-हारकर रैन बसेरों में चले गए, जहां कुछ देर विश्राम करने के बाद वे घर लौटने के लिए बसों और ट्रेनों का इंतजार करते रहे।
रेल मंत्री ने संभाली व्यवस्था, वॉर रूम से की निगरानी
महाकुंभ के श्रद्धालुओं को बेहतर यात्रा सुविधा देने के लिए रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं। सोमवार रात 9 बजे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड के वॉर रूम से कुंभ क्षेत्र में ट्रेनों की निगरानी की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसके लिए लगातार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा, “श्रद्धालुओं को पूरी सुविधा दी जाए, ताकि उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित हो।”
महाकुंभ में बढ़ता उत्साह, आस्था का महासंगम
महाकुंभ का प्रत्येक दिन एक नया इतिहास रच रहा है। श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे यह अब तक का सबसे भव्य और विशाल आयोजन बनने की ओर अग्रसर है। देश-विदेश से आ रहे साधु-संत, श्रद्धालु और पर्यटक संगम की पवित्र धारा में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं। प्रशासन भी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।