प्रयागराज। महाकुंभ 2025 अपने अंतिम चरण में है और श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर पहुंच गया है। सोमवार को, कुंभ के 43वें दिन, संगम तट पर उमड़ी भीड़ ने रविवार के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया। सुबह 10 बजे तक करीब 55 लाख श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे, जबकि रविवार को यह संख्या 50 लाख थी।
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 62.61 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। मेला क्षेत्र में प्रवेश को लेकर जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है। रविवार को आखिरी वीकेंड होने की वजह से भारी संख्या में लोग पहुंचे थे, लेकिन सोमवार को उससे भी ज्यादा भीड़ उमड़ पड़ी।
भीषण जाम और 10 किमी पैदल यात्रा की मजबूरी
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रयागराज शहर में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या देखी जा रही है। प्रयागराज में आने वाले वाहनों को संगम से 10 किलोमीटर पहले पार्किंग क्षेत्रों में रोक दिया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु पैदल, ऑटो, ई-रिक्शा या शटल बसों के जरिए मेला क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं।
हालांकि, बढ़ती भीड़ के मुकाबले ये परिवहन सुविधाएं अपर्याप्त साबित हो रही हैं। ऑटो और ई-रिक्शा चालक मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जहां 10 किलोमीटर तक का किराया 1000 रुपए तक लिया जा रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल चलने को मजबूर हैं।
मनमानी वसूली से श्रद्धालु परेशान
केवल ऑटो-रिक्शा ही नहीं, बल्कि नाविक भी श्रद्धालुओं से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। भास्कर रिपोर्टर ने मौज गिरी घाट से संगम तक नाव बुक करने की कोशिश की, तो नाविक ने 20 हजार रुपए की मांग की, जबकि सामान्य दिनों में 1,000 रुपए में नाव उपलब्ध होती है।
मेला प्रशासन ने इस मनमानी को रोकने के लिए गश्त बढ़ाने और शिकायत निवारण के निर्देश दिए हैं। लेकिन, जमीन पर स्थिति नियंत्रण में नहीं दिख रही है।
महाशिवरात्रि पर नहीं निकलेगी शोभायात्रा, बोर्ड परीक्षा स्थगित
महाशिवरात्रि महाकुंभ के दौरान एक प्रमुख पर्व है, जिसे लेकर प्रयागराज में 16 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा निकाले जाने की परंपरा है। विभिन्न मंदिरों से भी धार्मिक जुलूस निकाले जाते हैं।
हालांकि, इस बार भीषण जाम और श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए, प्रशासन ने शोभायात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया है। पुलिस और शोभायात्रा आयोजकों के बीच बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि इस बार शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी।
इसके अलावा, 24 फरवरी को होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। अब यह परीक्षा 9 मार्च को कराई जाएगी।
प्रशासन का दावा- भीड़ प्रबंधन के पूरे इंतजाम
मंडलायुक्त वैभव कृष्ण ने कहा, “महाशिवरात्रि और अंतिम स्नान पर्व को देखते हुए हमने भीड़ प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए हैं। लाखों श्रद्धालु आ सकते हैं, लेकिन हमारी टीम पूरी तरह तैयार है।”
रविवार को पूरे दिन भीड़ बनी रही, लेकिन रात होते-होते स्थिति कुछ सामान्य हुई। प्रशासन का दावा है कि भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी अव्यवस्था से बचा जा सके।
अगले दो दिन और बढ़ेगी भीड़
महाकुंभ के अंतिम दो दिन बचे हैं, और इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है। महाशिवरात्रि और अंतिम स्नान पर्व को लेकर लोग बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अंतिम दिन तक श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के पार जा सकती है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अनुशासन बनाए रखें और प्रशासन द्वारा तय किए गए मार्गों का ही उपयोग करें।
महाकुंभ 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है और श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा। भले ही भीड़ और अव्यवस्था के चलते लोगों को परेशानी हो रही हो, लेकिन उनकी आस्था और श्रद्धा हर कठिनाई को पीछे छोड़ रही है। महाशिवरात्रि के साथ ही यह महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन यह आयोजन एक बार फिर दुनिया को भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की अद्भुत झलक दिखा चुका है।