भोपाल, 11 जनवरी: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज बड़वानी जिले में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के तहत सिंचाई और कृषि के क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। सेंधवा कृषि उपज मंडी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सेंधवा और निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं का भूमि पूजन करेंगे। इन दोनों परियोजनाओं का उद्देश्य किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है।
परियोजनाओं की लागत और महत्व
इन परियोजनाओं पर कुल 2491 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री 2580.827 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 13 कार्यों का भूमि पूजन और 58.463 करोड़ रुपये की लागत से पूरे हुए 19 कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश में सिंचाई का रकबा केवल 3 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 50 लाख हेक्टेयर हो गया है। सरकार का लक्ष्य इसे 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर तक ले जाने का है।
सेंधवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना
यह परियोजना 1402.74 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जाएगी। इसका उद्देश्य बड़वानी जिले के 98 गांवों में 44,148.50 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है। इससे लगभग 53,000 किसान लाभान्वित होंगे।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- जल स्रोत: नर्मदा नदी से जल उद्वहन किया जाएगा।
- जल परिवहन: 2.70 मीटर व्यास की पाइपलाइन के जरिए 501 मीटर की ऊंचाई तक पानी पहुंचाया जाएगा।
- पाइपलाइन की कुल लंबाई: 56.394 किलोमीटर।
- सिंचाई की तकनीक: दाबयुक्त जल से स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम के जरिए सिंचाई।
- लाभ: कम पानी में अधिक सिंचाई की सुविधा और भूमि समतल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस परियोजना से सेंधवा तहसील के 67 गांव, राजपुर तहसील के 24 गांव, निवाली तहसील के 6 गांव, और बड़वानी तहसील के 1 गांव के किसान लाभान्वित होंगे।
निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना
1088.24 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली इस परियोजना से जिले के 87 गांवों में 33,000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- जल स्रोत: नर्मदा नदी से जल उद्वहन।
- जल परिवहन: 2.60 मीटर व्यास की पाइपलाइन के जरिए 465 मीटर की ऊंचाई तक पानी पहुंचाया जाएगा।
- पाइपलाइन की कुल लंबाई: 40.183 किलोमीटर।
- सिंचाई की तकनीक: दाबयुक्त जल से स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम।
- लाभ: कम पानी में अधिक क्षेत्रफल की सिंचाई और किसानों को भूमि समतल करने की आवश्यकता नहीं।
इस परियोजना से पाटी तहसील के 29 गांव, बड़वानी तहसील के 26 गांव और निवाली तहसील के 32 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में सिंचाई का बढ़ता दायरा
डॉ. यादव ने कहा कि यह सरकार का प्रयास है कि किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकों का लाभ मिले। इन परियोजनाओं से सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी और जल के किफायती उपयोग के साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी।
समारोह का महत्व
इस कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और हजारों किसान उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन राज्य के सिंचाई क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत देता है। इन परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र को सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।