विधायकों को मिला आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण, नए साल का बजट ई-टैबलेट पर होगा प्रस्तुत
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अपने 70वें वर्ष में प्रवेश करते हुए एक ऐतिहासिक बदलाव की साक्षी बनी है। अब विधानसभा पूरी तरह डिजिटल स्वरूप में कार्य करेगी और आने वाला बजट सत्र पहली बार कागज़ रहित यानी पेपरलेस होगा। नए साल का बजट अब विधायकों के सामने ई-टैबलेट्स पर प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे सदन की कार्यवाही अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और आधुनिक हो सकेगी। यह परिवर्तन प्रदेश की विधायी व्यवस्था को तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
विधायकों और मंत्रियों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण
राजधानी भोपाल में मंगलवार, 23 दिसंबर को सभी विधायकों और मंत्रियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सदस्यों को नई डिजिटल प्रणाली, टैबलेट के उपयोग और विधानसभा की ऑनलाइन प्रक्रियाओं से पूरी तरह परिचित कराना है। प्रशिक्षण में यह बताया जा रहा है कि किस तरह प्रश्नोत्तर, विधेयकों का अध्ययन, चर्चा और मतदान जैसी प्रक्रियाएं अब डिजिटल माध्यम से संचालित होंगी। इसके बाद दूसरे सत्र में विभागीय मुख्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी भी प्रशिक्षण लेंगे, जो सदन में पूछे जाने वाले सवालों के उत्तर तैयार करने और जानकारी उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ई-टैबलेट्स पर पढ़ा जाएगा बजट, 360 डिग्री घूमने की सुविधा
डिजिटल विधानसभा के तहत विधायकों को अत्याधुनिक टैबलेट्स उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें उनकी मेज पर विशेष रूप से डिजाइन किए गए गोल्ड कलर स्टैंड में फिट किया गया है। ये टैबलेट्स 360 डिग्री तक घूम सकते हैं, जिससे बैठने की किसी भी स्थिति में दस्तावेज़ पढ़ना और नोट्स देखना आसान होगा। इससे सदन के भीतर कार्यकुशलता बढ़ेगी और कागज़ी दस्तावेज़ों पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
देश का 15वां राज्य बना मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश देश का 15वां ऐसा राज्य बन गया है, जहां विधानसभा पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है। यह बदलाव केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन प्रोजेक्ट यानी नेवा के तहत किया गया है। इस परियोजना के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे विधानसभा की पूरी कार्यप्रणाली को आधुनिक तकनीक से जोड़ा गया है।
नेवा एप से ‘वन नेशन-वन एप्लिकेशन’ की दिशा में कदम
नेवा एप्लिकेशन को ‘वन नेशन-वन एप्लिकेशन’ की सोच के साथ विकसित किया गया है। इसके माध्यम से विधानसभा की हर गतिविधि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। प्रश्नोत्तर काल, विधेयक, चर्चा, मतदान और कार्यसूची जैसी सभी जानकारियां ऑनलाइन देखी जा सकेंगी। पेपरलेस वर्कफ्लो के चलते रिपोर्टें और दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रहेंगे, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
आम जनता को भी मिलेगी विधानसभा की कार्यवाही की जानकारी
डिजिटल व्यवस्था के लागू होने से केवल विधायक ही नहीं, बल्कि आम जनता और जनप्रतिनिधि भी लाभान्वित होंगे। एक क्लिक पर विधानसभा की कार्यवाही, विधेयकों की स्थिति और चर्चाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों की सहभागिता भी मजबूत होगी।
एनआईसी की कंपनी निक्सी ने संभाला तकनीकी जिम्मा
मध्यप्रदेश विधानसभा को डिजिटल स्वरूप देने का कार्य एनआईसी की सरकारी कंपनी निक्सी को सौंपा गया है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा ने बताया कि नए साल के बजट सत्र से इस डिजिटल व्यवस्था की औपचारिक शुरुआत होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव विधानसभा की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाएगा।
इस तरह मध्यप्रदेश विधानसभा का पूरी तरह डिजिटल होना न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह सुशासन, पारदर्शिता और समय के साथ कदम मिलाने की मजबूत पहल भी है।
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