मुख्यमंत्री बोले : दो वर्ष में 8 लाख करोड़ का निवेश, 6 लाख युवाओं को रोजगार—प्रगति के नए आयाम गढ़े

विशेष संवाददाता, भोपाल।
‘स्वदेश ज्योति’ समूह द्वारा आयोजित विकसित मध्यप्रदेश @2047, विरासत भी विकास भी विषयक विमर्श सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के हालिया विकास, विरासत संरक्षण और भविष्य की दिशा पर विस्तृत रूप से अपने विचार साझा किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश ने प्रगति के कई नए अध्याय जोड़े हैं। दो वर्ष की अवधि में प्रदेश में 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया और 6 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ। यह उपलब्धि उस दिशा में एक बड़ा कदम है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 के लिए की है—एक विकसित, सक्षम और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की।

मुख्यमंत्री कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने की। सांसद आलोक शर्मा, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, विधायक भगवानदास सबनानी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

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विकास और विरासत—दोनों साथ चलें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश के विकास की दिशा केवल अधोसंरचना निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें विरासत और सांस्कृतिक धरोहर भी समान रूप से शामिल है। उन्होंने बताया—

  • अयोध्या में श्रीराम मंदिर के साथ चित्रकूट धाम के विकास को नई गति मिली है।

  • ओरछा, उज्जैन, अवंतिका और अन्य ऐतिहासिक-धार्मिक स्थलों को नया स्वरूप प्रदान किया जा रहा है।

  • श्रीराम और श्रीकृष्ण की पावन स्मृतियों से जुड़े प्रदेश को उसकी ऐतिहासिक पहचान के अनुरूप सजाया–संवारा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास—सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, रानी कमलापति, शिक्षा स्थली उज्जैन–चित्रकूट—प्रदेश को एक अद्वितीय सांस्कृतिक आधार देता है। उन्होंने बताया कि हाल में रूस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रपति पुतिन को गीता की रशियन अनुवादित प्रति भेंट करना इस बात का प्रमाण है कि विकास की राह विरासत से ही होकर गुजरती है

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भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधन: मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी ताकत

मुख्यमंत्री ने बताया

  • मध्यप्रदेश देश के मध्य में स्थित होने के कारण स्वभाविक रूप से विकास के लिए अनुकूल है।

  • प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं और किसी भी गंभीर प्राकृतिक आपदा का भय नहीं है।

  • वर्ष 2003 के बाद से प्रदेश ने अभूतपूर्व गति से प्रगति की है।

उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि—

  • जहाँ कभी केवल 5–6 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब 39 मेडिकल कॉलेज प्रदेश में कार्यरत हैं।

  • सड़क, पानी, बिजली, सिंचाई और स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधाओं का विस्तार लगातार हो रहा है।

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स्वदेश और स्वदेश ज्योति—अपनी मूल पहचान को आगे बढ़ाते हुए

मुख्यमंत्री ने स्वदेश ज्योति की स्पष्ट दृष्टि, वैचारिक प्रतिबद्धता और समाजोपयोगी पत्रकारिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वदेश ज्योति न केवल समाचार प्रस्तुत करता है, बल्कि समाज में सार्थक संवाद भी स्थापित करता है। उन्होंने प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा की लेखनी और चिंतन को विशेष रूप से उल्लेखनीय बताया।

अध्यक्षीय वक्तव्य में सुरेश पचौरी ने कहा कि मध्यप्रदेश 2047 में जब देश आज़ादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब यह प्रदेश अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए भारत के नेतृत्वकारी राज्यों में होगा। स्वदेश ज्योति ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को सार्थक रूप से निभाया है।

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‘विकसित मध्यप्रदेश @2047’ पुस्तक का विमोचन

कार्यक्रम में स्वदेश ज्योति समूह द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘विकसित मध्यप्रदेश @2047, विरासत भी विकास भी’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कला पत्रकार विनय उपाध्याय ने किया तथा आभार स्वदेश ज्योति के संपादक अक्षत शर्मा ने व्यक्त किया।

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इससे पूर्व दो सत्रों में विशेषज्ञों—पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों, सैन्य अधिकारियों और पर्यावरण विशेषज्ञों—ने प्रदेश के भविष्य पर अपने विचार रखे।

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