भोपाल में आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस द्वारा किए गए एक बड़े ऑपरेशन में मेंडोरा के जंगलों से एक इनोवा कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए की नगदी जब्त की गई। यह कार ग्वालियर निवासी चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कार का मालिक चेतन सिंह गौर इस कार में कभी बैठा ही नहीं। आयकर विभाग की पूछताछ में चेतन ने इस मामले से जुड़े कई अहम खुलासे किए हैं, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है।
कार और स्कूल से जुड़े खुलासे
आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई में केवल इनोवा कार से सोना और नकदी नहीं, बल्कि स्कूल में बनाए गए एक कार्यालय से दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां भी बरामद की गई हैं। दोनों चीजों का आपस में कोई ना कोई संबंध पाया गया है, जिससे यह साबित होता है कि यह दोनों मामले एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यही नहीं, अब आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस की टीमें सौरभ शर्मा, जो परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक हैं, के भारत लौटने का इंतजार कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक, सौरभ शर्मा फिलहाल दुबई में हैं, और उन्हें नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। यह भी बताया गया है कि सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर के बीच गहरे दोस्ताना संबंध रहे हैं, जिससे उनके बीच कई मिलीजुली गतिविधियां हो सकती हैं।
सौरभ शर्मा की संलिप्तता का शक
जांचकर्ताओं ने बताया कि जिस इनोवा क्रिस्टा कार से 52 किलो सोना और बड़ी रकम बरामद हुई है, वह कार तकनीकी रूप से चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत है। हालांकि, चेतन ने यह स्वीकार किया है कि उसने कभी इस कार का इस्तेमाल नहीं किया। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सौरभ शर्मा ने इस कार का इस्तेमाल किया हो, और उन्होंने कई अन्य संपत्तियां भी चेतन के नाम पर ही बनाई हो सकती हैं। अब इन संपत्तियों के कागजातों की जांच की जा रही है, और उम्मीद है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
सौरभ शर्मा के मकान से 8 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
लोकायुक्त द्वारा किए गए छापे में यह भी सामने आया कि सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित मकान से जब्त की गई संपत्ति और नकद की कुल कीमत 3.86 करोड़ रुपए बताई गई है। वहीं, उनके कार्यालय से करीब 4.12 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई। इस प्रकार, सौरभ शर्मा के दोनों स्थानों से कुल 7.98 करोड़ रुपए की कीमत के जेवरात, नकद और अन्य सामान बरामद हुए हैं।
परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत का शक
यह भी संभावना जताई जा रही है कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवहन विभाग के साथियों और अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत की होगी। जांच में इस एंगल पर भी गौर किया जा रहा है और सौरभ शर्मा को इसके मुख्य आरोपी के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा, जिस चेतन सिंह गौर के नाम पर इनोवा कार पाई गई, वह इस मामले की गुत्थी सुलझाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि चेतन सिंह गौर की भूमिका इस मामले में काफी अहम हो सकती है, और जल्द ही उनसे और भी अहम जानकारी मिल सकती है।
आखिरकार क्या होगा सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर का भविष्य?
यह पूरा मामला अब कई सवालों के घेरे में आ चुका है। आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस के जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर के संबंधों और गतिविधियों की गहन जांच से और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। अभी तक की जांच से यह साफ हो गया है कि यह मामला केवल एक व्यक्तिगत भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि इसके कई कनेक्शन और वित्तीय भ्रष्टाचार की परतें जुड़ी हुई हैं।
आने वाले दिनों में सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई और चेतन सिंह गौर के साथ उनके संबंधों का और खुलासा हो सकता है। इस केस से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच चल रही है और जल्द ही इस मामले में कुछ और बड़े फैसले सामने आ सकते हैं।