रचनात्मक पत्रकारिता और भविष्य दृष्टि पर बोले राजेंद्र शर्मा, पचौरी ने बताया–प्रदेश 2047 में नेतृत्वकारी भूमिका में होगा

भोपाल। विकसित मध्यप्रदेश @2047, विरासत भी विकास भी विषय पर आयोजित स्वदेश ज्योति चिंतन यात्रा के समापन सत्र में स्वदेश ज्योति समूह के अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि स्वदेश ज्योति के प्रकाशन के बाद यह पहला आयोजन है, जिसके माध्यम से समूह ने अपनी रचनात्मक और सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य था—जनता की अपेक्षाओं को समझना और यह जानना कि प्रदेश अपने विकास की राह में क्या सोचता है, क्या चाहता है।

राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आज के विमर्श में 2047 तक विकसित मध्यप्रदेश की जो परिकल्पना सामने आई है, वह बेहद महत्वपूर्ण और सार्थक है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जिस समग्र दृष्टि से विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहे हैं, वह प्रदेश के लिए नई गाथा लिखेगी।

उन्होंने कहा—

  • मुख्यमंत्री की दृष्टि का केंद्र केवल आज का विकास नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए धरोहर का संरक्षण भी है।

  • राजा विक्रमादित्य और उज्जैन की परंपरा को सुरक्षित रखने के उनके प्रयास ऐतिहासिक महत्व रखते हैं।

  • डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश का विकास नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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अगला सिंहस्थ—अभूतपूर्व और ऐतिहासिक: राजेंद्र शर्मा

राजेंद्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की कल्पना में सदैव उज्जैन और उसकी आध्यात्मिक गरिमा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी सिंहस्थ अपने आप में अनोखा, अद्वितीय और ऐतिहासिक होगा। उन्होंने कहा—

  • सिंहस्थ का स्वरूप ‘न भूतो, न भविष्यति’ जैसा होगा।

  • यह प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का भव्य प्रदर्शन बनेगा।

उन्होंने इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का लक्ष्य—मध्यप्रदेश को सांस्कृतिक और आधुनिक दोनों रूपों में अग्रणी राज्य बनाना है।

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पेयजल सहित भविष्य की चुनौतियों पर भी काम कर रही सरकार: सुरेश पचौरी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि सरकार आज ही नहीं, बल्कि 2047 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजनाएँ बना रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा—

  • वर्ष 2047 में भोपाल की जनसंख्या 37 लाख तक पहुँच सकती है।

  • इतने बड़े शहर को नियमित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 56 करोड़ रुपये प्रतिदिन की आवश्यकता होगी।

  • राज्य सरकार इस चुनौती को ध्यान में रखकर दीर्घकालिक जल–प्रबंधन योजनाओं पर काम कर रही है।

पचौरी ने कहा कि—

  • स्वदेश ज्योति समूह ने इस आयोजन के माध्यम से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को प्रभावी रूप से निभाया है।

  • वर्ष 2047 में जब भारत आज़ादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब अपनी धरोहरों को सहेजने वाला मध्यप्रदेश देश का नेतृत्व करेगा

  • सरकार की जनसुलभ योजनाएँ विकास के मार्ग को मजबूत कर रही हैं और यह प्रदेश को अग्रिम पंक्ति के राज्यों में ले जाएँगी।

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