भोपाल समेत 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, औसत बारिश कोटा 87 फीसदी तक पहुंचा

मध्यप्रदेश मौसम अपडेट: बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम, भोपाल समेत 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गई है। राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह से ही कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश का सिलसिला जारी है। बीच-बीच में कुछ देर के लिए धूप जरूर झलकती रही, लेकिन आसमान पर छाए बादलों ने साफ संकेत दिया कि फिलहाल बरसात का दौर थमने वाला नहीं है।

मौसम विभाग ने बताया कि इस बार अगस्त के तीसरे हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है और इससे प्रदेश का मानसूनी कोटा काफी हद तक पूरा हो चुका है। अभी अगस्त के दस दिन शेष हैं और उम्मीद की जा रही है कि महीने के अंत तक इंदौर समेत उन जिलों में भी बारिश की पूर्ति हो जाएगी जहां अब तक औसत से कम पानी गिरा है।

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बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम सक्रिय

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना नया मौसमी सिस्टम अब मध्यप्रदेश में सक्रिय होने वाला है। इसके असर से 22 अगस्त से भोपाल सहित कई जिलों में फिर से झमाझम बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि वर्तमान में प्रदेश में बैतूल और मंडला से होकर गुजर रही मानसून ट्रफ और दो अलग-अलग साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय हैं, जिनसे लगातार बारिश हो रही है।


12 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में –

  • नीमच
  • मंदसौर
  • आगर-मालवा
  • राजगढ़
  • गुना
  • अशोकनगर
  • शिवपुरी
  • श्योपुर
  • उमरिया
  • शहडोल
  • डिंडौरी
  • अनूपपुर

इन जिलों में अगले 24 घंटों में ढाई से साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई गई है।


अब तक की बारिश का आंकड़ा

प्रदेश में अब तक औसतन 32.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो कुल मानसूनी कोटे का 87 प्रतिशत है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यदि अगस्त के अंतिम सप्ताह में भी इसी तरह बारिश होती रही, तो प्रदेश में इस बार मानसून अपने तय कोटे से अधिक पानी बरसा सकता है।


रतलाम और दमोह में भारी बारिश

बुधवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया।

  • रतलाम में लगातार 9 घंटे तक बारिश हुई और करीब 3 इंच पानी दर्ज किया गया। नतीजतन कई सड़कों पर पानी भर गया और यातायात प्रभावित हुआ।
  • दमोह में ढाई इंच पानी गिरा, जिससे शहर की निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई।

इसी तरह इंदौर, गुना, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, भोपाल, नरसिंहपुर, उज्जैन, बैतूल, टीकमगढ़, छतरपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, शाजापुर, आगर-मालवा, छिंदवाड़ा, जबलपुर, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उमरिया, बालाघाट, राजगढ़, विदिशा और देवास में भी कहीं तेज तो कहीं हल्की बूंदाबांदी का दौर जारी रहा।


अगले दो दिन का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 22 और 23 अगस्त को भी प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इससे नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और जिला कलेक्टरों को आपदा प्रबंधन की तैयारियां दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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राहत और चुनौतियां

लगातार हो रही बारिश ने जहां गर्मी और उमस से राहत दी है, वहीं कई जिलों में जलभराव और यातायात बाधित होने जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं। किसानों के लिए यह बारिश लाभकारी है, क्योंकि खरीफ की फसलों को पर्याप्त पानी मिल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अगस्त के अंत तक इसी तरह वर्षा जारी रही तो फसल उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ेगा।



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