भोपाल। मध्यप्रदेश तेजी से एक मजबूत स्टार्ट-अप हब के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए स्टार्ट-अप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी रणनीति अपना रही है। भोपाल में आयोजित ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ (GIS) के दौरान ‘फ्यूचर-फ्रंटियर: स्टार्ट-अप पिचिंग’ सेशन में यह बात स्पष्ट हुई कि राज्य का स्टार्ट-अप इकोसिस्टम न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं और सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश को ‘स्टार्ट-अप और नवाचार का केंद्र’ बनाना है, जहां युवा उद्यमियों को उनके इनोवेटिव आइडियाज को सफल व्यवसाय में बदलने के लिए अनुकूल माहौल मिले।
GIS-भोपाल में स्टार्ट-अप्स को मिला ग्लोबल मंच
भोपाल में आयोजित ‘फ्यूचर-फ्रंटियर: स्टार्ट-अप पिचिंग’ सेशन में देशभर के निवेशकों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में 180 स्टार्ट-अप्स ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 25 हाईली पोटेंशियल स्टार्ट-अप्स ने अपने इनोवेटिव आइडियाज प्रस्तुत किए। कुल 47 स्टार्ट-अप्स इस सेशन में शामिल हुए, जिनमें से 19 स्टार्ट-अप्स को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) प्राप्त हुए।
स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख निवेशकों ने रुचि दिखाई। आईआईसीई ने 4 स्टार्ट-अप्स में, एसजीएसआईटीएस ने 3, सिल्वर नीडल वेंचर्स ने 3, आईटीआई ग्रोथ ने 3, ईजीसीड ने 7, सीफंड ने 3, वेंचर कैटालिस्ट्स ने 10, वीएएसपीएल इनिशिएटिव्स ने 4, एआईस-आरएनटीयू ने 5 और इक्वैनिमिटी इन्वेस्टमेंट्स ने 5 स्टार्ट-अप्स में निवेश की अभिरुचि दिखाई।
स्टार्ट-अप्स को मिल रही आर्थिक सहायता
मध्यप्रदेश सरकार स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं चला रही है।
- महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों के स्टार्ट-अप्स को पहले निवेश पर 18% या अधिकतम 18 लाख रुपए तक की सहायता दी जा रही है।
- अन्य स्टार्ट-अप्स को 15% या अधिकतम 15 लाख रुपए तक का वित्तीय समर्थन दिया जाता है।
- इन्क्यूबेटर विस्तार के लिए 5 लाख रुपए का एकमुश्त अनुदान उपलब्ध है।
- स्टार्ट-अप्स को ऑफिस स्पेस के किराए में तीन वर्षों तक 50% छूट (अधिकतम 5,000 रुपए प्रति माह) दी जा रही है।
- पेटेंट कराने पर 5 लाख रुपए तक की सहायता और पेटेंट फाइलिंग में आवश्यक सहयोग दिया जाता है।
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन
प्रदेश में 4,900 से अधिक स्टार्ट-अप्स संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 44% महिलाएं चला रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ के तहत पंजीकृत स्टार्ट-अप्स की संख्या को दोगुना करना और कृषि एवं खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को 200% तक बढ़ावा देना है। इसके लिए 72 इनक्यूबेटर कार्यरत हैं और नए उत्पाद-आधारित स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
स्टार्ट-अप नीति और क्रियान्वयन योजना
मध्यप्रदेश सरकार की नई स्टार्ट-अप नीति के तहत स्टार्ट-अप्स को वित्तीय अनुदान, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और नीतिगत सहायता दी जा रही है। इस नीति में स्टार्ट-अप्स को शुरुआती निवेश पर 18% (अधिकतम 18 लाख रुपए) तक अनुदान का प्रावधान है। इसके साथ ही सरकार कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम्स और इन्क्यूबेशन फैसिलिटी को भी मजबूत कर रही है।
मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मिलेगी नई ऊंचाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्ट-अप्स को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा हर संभव सहायता दी जा रही है। सरकार का लक्ष्य मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी स्टार्ट-अप हब बनाना है, जहां युवा उद्यमियों के आइडियाज को वैश्विक पहचान मिले।