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April 18, 2025 3:39 PM

मध्यप्रदेश में बनेगी अंतरिक्ष नीति, इसरो का केंद्र लाने पर मंथन: मुख्यमंत्री

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– मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन में वर्चुअल रूप से किया संबोधन
– प्रदेश को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब बनाने की योजना

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में विज्ञान और तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने नई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिसके लिए इसरो की पूरी टीम बधाई की पात्र है।

मुख्यमंत्री ने उज्जैन में आयोजित राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन और 40वें मध्यप्रदेश युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में इसरो की तर्ज पर एक केंद्र स्थापित करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में दक्षिण भारत अंतरिक्ष अनुसंधान का मुख्य केंद्र है, जबकि उत्तर और मध्य भारत में इस तरह के संस्थान नहीं हैं। इस अंतर को खत्म करने के लिए प्रदेश में एक नया केंद्र बनाने पर मंथन हो रहा है।

अंतरिक्ष नीति बनाने की दिशा में पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही स्पेस पॉलिसी (अंतरिक्ष नीति) बनाएगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान विज्ञान और तकनीक से जुड़ी चार नई नीतियों को लागू किया गया था, जो प्रदेश के वैज्ञानिक और औद्योगिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।

ड्रोन टेक्नोलॉजी और डिजिटल मैपिंग को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग कृषि और राजस्व क्षेत्रों में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रायसेन जिले से राष्ट्रीय स्तर पर शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इससे संपत्तियों का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा, जिससे स्वामित्व के रिकॉर्ड को सटीक तरीके से रखा जा सकेगा।

विज्ञान और तकनीक से बदल रहा देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी नवाचार से देश में बड़ा बदलाव आ रहा है। खेती, वित्त, शिक्षा, संचार, चिकित्सा और रक्षा जैसे सभी क्षेत्रों में विज्ञान का प्रभाव साफ दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से देश रक्षा, अंतरिक्ष और जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

चार नई टेक्नोलॉजी नीतियों पर काम जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में विज्ञान और तकनीक को लेकर चार प्रमुख नीतियों को घोषित किया गया:

  1. मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन और उद्योग नीति-2025
  2. मध्यप्रदेश एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और विस्तारित रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) नीति-2025
  3. मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025
  4. मध्यप्रदेश वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति-2025

इन नीतियों के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रदेश को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री की वैज्ञानिक सोच की तारीफ

राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, हैदराबाद के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव वैज्ञानिक सोच रखते हैं और प्रदेश में नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही मध्यप्रदेश में मेपकास्ट (MAPCOST) के सहयोग से कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

अन्य स्थानों पर भी होंगे वैज्ञानिक सम्मेलन

विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

इस सम्मेलन में आईआईटी गांधीनगर, विक्रम विश्वविद्यालय, विज्ञान भारती, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) भोपाल के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर राज्य के आईटी विभाग के प्रमुख अधिकारी, वैज्ञानिक और शोधार्थी भी उपस्थित रहे।

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