October 28, 2025 10:23 PM

मध्यप्रदेश में अब सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा: सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा, पुलिस भर्ती और कर्मचारियों के हितों पर भी किए अहम ऐलान

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मध्यप्रदेश में अब सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा, सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान

भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को ऐलान किया कि अब प्रदेश में सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर होगी, जिससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में की। उन्होंने कहा कि अब तक विभिन्न विभागों में अलग-अलग परीक्षाएं होने के कारण समय की बड़ी खपत होती थी, जिससे योग्य युवाओं को रोजगार मिलने में देरी होती थी। इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए राज्य सरकार अब एकीकृत परीक्षा प्रणाली लागू करेगी, जिसके माध्यम से उम्मीदवारों को एक ही परीक्षा देकर विभिन्न विभागों में नौकरी पाने का अवसर मिलेगा।

तीन साल में भरे जाएंगे 20 हजार से अधिक पुलिस पद

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में पुलिस विभाग में रिक्त 20 हजार से अधिक पद हैं, जिन्हें अगले तीन वर्षों में भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए गंभीर है और भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं।

कर्मचारी आयोग का गठन होगा

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों और ग्रेड पे में असमानता को दूर करने के लिए एक नया कर्मचारी आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कार्य करेगा और कर्मचारियों की शिकायतों का त्वरित निराकरण करेगा।

उन्होंने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी किसी भी व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। उनके हितों की रक्षा और उनके मनोबल को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों का प्रमोशन भी समय पर होना चाहिए। “प्रमोशन की प्रक्रिया को लेकर हमने प्रयास किया है, और हम मंज़िल के करीब हैं। भगवान महाकाल की कृपा से जल्द ही रास्ता निकल आएगा।”

केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की दिशा में काम

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों को समान महंगाई भत्ता देने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पांच समान किस्तों में अक्टूबर तक बकाया राशि (एरियर) जारी करने का कार्य किया गया है। साथ ही, अधिकारियों के लिए आवासीय सुविधाओं को लेकर भी तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए नई नियुक्तियाँ और बीमा योजना

सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए 19,504 नए पदों की भर्ती का निर्णय लिया है। इसके अलावा, उन्हें जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ देने का भी प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

उन्होंने यह भी बताया कि एक जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना (NPS) पर विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

हाउस रेंट अलाउंस की पुरानी मांग पूरी

मुख्यमंत्री ने बताया कि कर्मचारियों को रुका हुआ हाउस रेंट अलाउंस (HRA) देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि नौ साल से यह भत्ता लंबित था, लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी देकर कर्मचारियों को राहत दी है। उन्होंने कहा कि “कर्मचारियों के चेहरे की मुस्कान हमारी ताकत है। सरकार उनकी खुशहाली के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

कर्मचारियों से सौंपा गया मांग पत्र

कार्यक्रम के दौरान राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कर्मचारियों की मांगों का पत्र सौंपा। इसमें महंगाई भत्ता बढ़ाने, सेवानिवृत्ति आयु को समान करने, और शिक्षकों की नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता तय करने की मांग प्रमुख रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

प्रमोशन में आरक्षण पर हाईकोर्ट सख्त

दूसरी ओर, प्रमोशन में आरक्षण से जुड़ा मामला भी मंगलवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चर्चा में रहा। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के आंकड़े और ऑडिट रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष प्रस्तुत की, लेकिन हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताया।

मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना होगा कि किन विभागों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व कितना है। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार किया जाए जिसमें प्रत्येक विभाग में आरक्षित वर्ग का वर्तमान प्रतिशत दर्शाया जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि यह कार्य केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं बल्कि नियमों के आधार पर सटीक गणना होनी चाहिए।

मामले की अगली सुनवाई अब 12 नवंबर को होगी।

सीएम बोले – सेवा में विलंब रोकना होगा, जनता के अधिकार सर्वोपरि

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि सरकारी योजनाओं को धरातल तक पहुँचाने में कर्मचारी सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे जनता की सेवा में विलंब न करें और लोगों के अधिकारों का सम्मान करें।

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