भोपाल। मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज बदलते ही प्रदेश के 42 जिलों में लगातार दो दिनों से मावठा (शीतल वर्षा) गिरने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। राज्य के रीवा जिले में सर्वाधिक 107 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय परिसंचरण के कारण ये मौसमी बदलाव हो रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किमी की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि दक्षिण हरियाणा और निकटवर्ती क्षेत्रों में 1.5 किमी की ऊंचाई पर चक्रवातीय परिसंचरण का असर देखा जा रहा है। इसके अलावा, उत्तर भारत में सब ट्रॉपिकल जेट स्ट्रीम विंड के प्रभाव से भी मौसम में बदलाव हो रहे हैं। मौसम विभाग ने 3 जनवरी को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भी मौसम में बदलाव की संभावना जताई है।
शनिवार को लगातार दूसरे दिन मावठा गिरने की स्थिति बनी रही। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम और रीवा संभाग के कई जिलों में बारिश हुई। बारिश के साथ कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे, जिससे किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं। खासतौर पर भोपाल, खजुराहो, नौगांव, सतना, टीकमगढ़, दमोह, सीधी, खंडवा, पचमढ़ी, सागर, रायसेन, धार, इंदौर और मंडला जैसे जिलों में बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए जारी किया अलर्ट:
मौसम विभाग ने नर्मदापुरम के पचमढ़ी, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सतना, पन्ना, सिवनी, दमोह, पांढुर्णा और जबलपुर में ओले गिरने का अलर्ट जारी किया है। यहां 50 किमी प्रति घंटे या इससे अधिक रफ्तार से आंधी चलने की संभावना भी जताई गई है। साथ ही, कटनी, छतरपुर, सिंगरौली, सीधी, उमरिया, बुरहानपुर, रायसेन, खंडवा, देवास, हरदा, सागर, खजुराहो, रीवा, मऊगंज, चित्रकूट, मैहर, शहडोल, अनूपपुर, अमरकंटक, मंडला और डिंडौरी जिलों में भी हल्की बारिश की संभावना है।
कहां कितनी बारिश हुई:
- रीवा – 107 मिमी
- उमरिया – 55 मिमी
- नर्मदापुरम – 41 मिमी
- बैतूल – 32 मिमी
- जबलपुर – 30 मिमी
- नरसिंहपुर – 27 मिमी
- भोपाल – 17 मिमी
- सतना – 13 मिमी
- टीकमगढ़ – 12 मिमी
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 24 घंटों में अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है और स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। किसानों को ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फसलों के नुकसान से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
कृषि क्षेत्र पर प्रभाव:
बारिश और ओलावृष्टि से मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में फसलें प्रभावित हो सकती हैं, खासतौर पर रबी की फसलों जैसे गेहूं और दलहन की खेती को नुकसान होने का खतरा है। मौसम विभाग के मुताबिक, किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।