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February 6, 2025 6:11 PM

चंबल में नौवां बाघ अभयारण्य जल्द, प्रदेश के वनों में अब 26 चीते

मध्यप्रदेश को मिलेगा नया टाइगर रिज़र्व, कूनो में चीतों की संख्या बढ़ी

भोपाल: मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। माधव टाइगर अभयारण्य जल्द ही राज्य का 9वां टाइगर रिज़र्व बनने जा रहा है, जिससे चंबल अंचल में वन्यजीवों की समृद्धि बढ़ेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी। उन्होंने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 5 और चीते छोड़े गए हैं, जिससे अब वहां चीतों की संख्या 26 हो गई है।

चीतों की बढ़ती संख्या

5 फरवरी को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 5 चीतों को जंगल में छोड़ा गया। इनमें मादा ‘वीरा’ भी शामिल है, जिसने हाल ही में दो शावकों को जन्म दिया है। मुक्त किए गए अन्य चीतों में मादा ‘आशा’ और उसके तीन शावक भी शामिल हैं। इससे पहले, दो चीते – ‘अग्नि’ और ‘वायु’ – 4 दिसंबर 2024 को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर जंगल में छोड़े गए थे।

अब कूनो में कुल 26 चीते हैं, जिनमें से 14 का जन्म भारत में हुआ है। यह दर्शाता है कि भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में चीते अनुकूल रूप से विकसित हो रहे हैं और सफलतापूर्वक प्राकृतिक जीवन जी रहे हैं।

माधव टाइगर रिजर्व: मध्यप्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व

मध्यप्रदेश को जल्द ही एक और टाइगर रिजर्व मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माधव टाइगर अभयारण्य को जल्द ही टाइगर रिज़र्व घोषित किया जाएगा। इससे चंबल क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण को और बढ़ावा मिलेगा।

मध्यप्रदेश पहले ही भारत का ‘टाइगर स्टेट’ कहा जाता है, क्योंकि यहां सबसे अधिक बाघों की संख्या पाई जाती है। इस नए टाइगर रिज़र्व से न केवल बाघ संरक्षण को मजबूती मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

वन्यजीव संरक्षण में मध्यप्रदेश की उपलब्धियां

मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।

  • चीतों की सफल पुनर्स्थापना के बाद उनकी संख्या में इजाफा हुआ है।
  • नए टाइगर रिज़र्व बनने से राज्य में बाघों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास को बढ़ावा मिलेगा।
  • वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार लगातार जागरूकता और सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि हमारे जंगलों में वन्यजीव सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं।

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