भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में जैविक और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र को व्यापक रूप से बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में प्रदेश में एक लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक और प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिसे पांच लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सौर ऊर्जा संचालित पंप (सोलर पंप) भी उपलब्ध कराएगी, ताकि वे सिंचाई की सुविधा का लाभ उठा सकें और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम हो।
यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल में आयोजित ‘जैविक खेती : पद्धति एवं मूल्य संवर्धन श्रृंखला’ विषयक कार्यशाला को संबोधित करते हुए की।
जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार वर्ष 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ के रूप में मना रही है। इसके अंतर्गत खेती को भी उद्योग के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। तेजी से बढ़ती जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार पूरी मदद करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जैविक उत्पादों के लिए ‘जैविक उत्पाद मेला’ आयोजित किया जाएगा, जिससे किसान अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकें। यह मेला वन मेला, कार्तिक मेला और व्यापार मेला की तर्ज पर आयोजित होगा। इस प्रकार के मेलों से न केवल जैविक उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद भी आसानी से उपलब्ध होंगे।
रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से बचने की सलाह
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ रहा है, जिससे भूमि की उर्वरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। सरकार इस दिशा में भी कदम उठा रही है कि किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रेरित किया जाए और उन्हें इस प्रणाली की संपूर्ण जानकारी दी जाए।
उन्होंने बताया कि जैविक और प्राकृतिक उत्पादों को स्थानीय स्तर पर ही बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही, सरकार का लक्ष्य है कि हर साल जैविक खेती के दायरे को बढ़ाया जाए, ताकि पांच लाख हेक्टेयर के लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।


जैविक खेती के लिए आदर्श गांव और नवीन तकनीक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैविक खेती के लिए ‘आदर्श गांव’ स्थापित किए जाएंगे, जहां नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके उन्नत खेती की जाएगी। इससे अन्य किसान भी प्रेरित होंगे और जैविक खेती को अपनाने में उनकी रुचि बढ़ेगी।
इसके अलावा, नागपुर मॉडल पर काम करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि खेती के क्षेत्र में नवाचार किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार स्वयं का एक अनूठा मॉडल भी विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है, जिससे प्रदेश के किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर करेंगी काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। इसके तहत किसानों को हरसंभव सहायता दी जाएगी, जिससे वे जैविक खेती की ओर अधिक आकर्षित हों और अपनी आमदनी बढ़ा सकें।
इस कार्यशाला में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ, जैविक खेती करने वाले किसान और विभिन्न कृषि संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उन्होंने भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव और अनुभव साझा किए।
मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में जैविक और प्राकृतिक खेती को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों को सौर ऊर्जा संचालित पंप प्रदान करने से वे कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकेंगे। जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयास न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होंगे।