गुना में मुख्यमंत्री ने किया सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण, 5138 करोड़ की लागत से 30 हजार हेक्टेयर भूमि को मिला पानी
मध्यप्रदेश में सिंचाई क्रांति: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 5138 करोड़ की परियोजना का किया लोकार्पण
भोपाल/गुना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को गुना जिले के बीनागंज में आयोजित एक विशाल जनसभा में यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई भी गांव सिंचाई सुविधा से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत कुंभराज वृहद सिंचाई परियोजना का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह योजना अब एक वास्तविकता बन चुकी है और इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं।
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5138 करोड़ रुपये है, जिससे गुना जिले की 30 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को बारहमासी सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 176 करोड़ रुपये की लागत से जिले में 604 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया।
किसानों को सिंचाई के लिए अब नहीं तरसना पड़ेगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2003 तक जब प्रदेश में विपक्षी दल की सरकार थी, तब किसानों को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता था। किसानों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसाया जाता था। लेकिन वर्तमान सरकार ने प्रदेश में सिंचाई रकबा को बढ़ाकर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा दिया है।
उन्होंने कहा कि मालवा और चंबल क्षेत्र के किसानों की मेहनत अब रंग ला रही है। गुना के गुलाब और धनिया की खुशबू अब दूर-दूर तक फैल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जिस चंबल अंचल में डकैतों का आतंक था, आज वहां विकास की धारा बह रही है। सरकार ने इस क्षेत्र से डाकुओं का सफाया कर दिया है, जिससे अब यहां शांति और विकास संभव हुआ है।

नदी जोड़ो योजना से 13 जिलों को लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों को जोड़ने की यह महत्वाकांक्षी योजना अब केवल मध्यप्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे राजस्थान के 13 जिले भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह परियोजना मूर्त रूप ले पाई है, जबकि पूर्ववर्ती सरकारों ने इस परियोजना को वर्षों तक अटका कर रखा।
सामाजिक सरोकारों पर भी दिखी संवेदनशीलता
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सामाजिक जिम्मेदारी का भी परिचय दिया। उन्होंने मंच से ग्राम बीनागंज के राजेश खंडेलवाल की बेटी के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 4 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। इस बच्ची के इलाज के लिए पहले ही राज्य सरकार द्वारा 1 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। इसके अलावा ममता विश्वकर्मा को भी 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री ने बीनागंज में गौशाला के संपूर्ण विकास के लिए 12 लाख रुपये देने की भी घोषणा की और कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

किसानों को मिल रही सम्मान निधि और सोलर पंप
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 12 हजार रुपये की सहायता दे रही हैं। साथ ही सिंचाई में बिजली की निर्भरता को कम करने के लिए किसानों को सोलर पंप भी वितरित किए जा रहे हैं।
महिला कल्याण और रोजगार पर फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि लाड़ली बहन योजना के अंतर्गत सावन के महीने में बहनों को 250 रुपये शगुन राशि दी जा रही है और दीपावली से उन्हें हर माह 1500 रुपये की सहायता दी जाएगी। जो बहनें फैक्टरी में काम करेंगी उन्हें 14 हजार रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं युवाओं को भी निजी क्षेत्र में काम करने पर 5000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
दुग्ध उत्पादन और आपात सेवाओं को भी मिला बढ़ावा
डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गौपालकों को प्रति गाय अनुदान राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा गंभीर घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ‘एयर एम्बुलेंस’ की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने ‘राहवीर योजना’ की भी जानकारी दी जिसके अंतर्गत सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दौरा केवल एक विकास परियोजना का लोकार्पण नहीं था, बल्कि यह एक संदेश था कि मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण, किसान, महिला, युवा और समाज के वंचित वर्गों के लिए ठोस कार्य कर रही है। सिंचाई से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक, प्रदेश में एक समावेशी और दूरदर्शी विकास मॉडल को लागू करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने अपने भाषण से यह भरोसा दिलाया कि कोई भी गांव अब सिंचाई जल से वंचित नहीं रहेगा और विकास की यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी।
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