मध्यप्रदेश में भारी बारिश का कहर: बरगी-तवा डैम के गेट खुले, नर्मदा उफान पर
भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। शुक्रवार देर रात से शुरू हुआ तेज बारिश का सिलसिला शनिवार को दिनभर जारी रहा। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के 35 से अधिक जिलों में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। नर्मदा सहित कई नदियां उफान पर हैं, वहीं बरगी, तवा, बारना और सतपुड़ा डैम के गेट खोल दिए गए हैं, जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि 18 जिलों में ऑरेंज और बाकी हिस्सों में यलो अलर्ट प्रभावी है।
बरगी डैम से छोड़ा गया पानी: 15 गेट खोले
जबलपुर जिले में स्थित बरगी डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने शनिवार दोपहर 1:00 बजे इसके 8 गेट और खोल दिए। इससे पहले 7 गेटों से जल निकासी की जा रही थी। अब कुल 15 गेट खोलकर 3,175 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है, साथ ही पॉवर हाउस की दोनों यूनिट से 198 क्यूमेक अतिरिक्त पानी की निकासी की जा रही है। इन दोनों को मिलाकर दोपहर से 3,375 क्यूमेक पानी छोड़ा गया, जबकि इनफ्लो 3,889 क्यूमेक रिकॉर्ड किया गया।

तवा डैम में जलस्तर बढ़ा, 7 गेट खोले गए
नर्मदापुरम स्थित तवा जलाशय में जलस्तर 1160 फीट तक पहुंच गया, जबकि तय सीमा 1158 फीट है। इस कारण शुक्रवार शाम से लेकर रात तक इसके सात गेट खोलने पड़े। परियोजना के एसडीओ एनके सूर्यवंशी ने बताया कि हर गेट को 10-10 फीट तक खोला गया है, जिससे 1,08,450 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

अन्य डैमों से भी जल निकासी
- बारना डैम (रायसेन): 6 गेट खोलकर 5 फीट तक पानी छोड़ा गया।
- सतपुड़ा डैम (बैतूल): इसके भी 7 गेट खोले गए हैं।
- इन तीनों प्रमुख जलाशयों से एक साथ जल छोड़े जाने से नर्मदा नदी का जलस्तर 7 से 8 फीट तक बढ़ने की संभावना है।

प्रदेश में कहां कितनी बारिश हुई
शनिवार को 9 घंटे के भीतर विभिन्न जिलों में औसतन 1 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई:
- इंदौर, रतलाम, सतना-खजुराहो: 1.8 इंच
- दतिया: 1.6 इंच
- उमरिया, नरसिंहपुर: 1.5 इंच
- उज्जैन: 1 इंच
- ग्वालियर, टीकमगढ़, नौगांव, मंडला: 0.75 इंच
इसके अलावा भोपाल, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, सागर, सिवनी, सीधी, बालाघाट, गुना, खंडवा, रायसेन, डिंडोरी, शिवपुरी, सीहोर, मंदसौर, राजगढ़, शाजापुर, नर्मदापुरम, बैतूल, विदिशा आदि जिलों में भी रुक-रुककर झमाझम बारिश होती रही।
चक्रवात, ट्रफ और डिप्रेशन से बना तेज बारिश का सिस्टम
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मध्यप्रदेश में इस समय चक्रवातीय परिसंचरण, ट्रफ लाइन और डिप्रेशन का मजबूत सिस्टम सक्रिय है। इसके कारण बारिश की तीव्रता बढ़ गई है। शनिवार को 41 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।
राजधानी भोपाल में जलभराव, इंदौर में सड़कें जलमग्न
भोपाल में शुक्रवार रात से ही रुक-रुककर तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। शहर की कई सड़कों पर पानी भर गया जिससे यातायात प्रभावित हुआ। वहीं, इंदौर में शनिवार दोपहर से शुरू हुई तेज बारिश के कारण कई जगहों पर दो फीट तक पानी जमा हो गया। लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
उज्जैन में महाकाल लोक क्षेत्र भी प्रभावित
तेज बारिश के चलते उज्जैन का एक नाला उफान पर आ गया, जिसका पानी महाकाल लोक के प्रवेश द्वार के पास तक भर गया है। इससे श्रद्धालुओं और आमजन को परेशानी हुई।
मंडला में नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर
शनिवार सुबह 9 बजे मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर वॉर्निंग लेवल 437.2 मीटर को पार कर गया है। इससे महिष्मति घाट का छोटा रपटा पुल डूब गया है। प्रशासन ने सतर्कता बरतने और लोगों को दूर रहने की अपील की है।

ग्वालियर, बैतूल, रतलाम में भी हालात गंभीर
- ग्वालियर में बारिश से निचले इलाकों में बहने वाले नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा है। कई पुल-पुलियों के ऊपर से पानी बहने लगा है। कलेक्टर ने ऐसे मार्गों पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है।
- बैतूल में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते माचना नदी उफान पर है। बैतूल-परतवाड़ा हाईवे पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया।
- रतलाम के सैलाना क्षेत्र में केदारेश्वर महादेव मंदिर का झरना एक बार फिर पूरे वेग से बहने लगा है, जिससे स्थानीय लोग रोमांचित तो हैं लेकिन खतरा भी बना हुआ है।
प्रदेशभर में तेज बारिश और डैमों से जल निकासी के कारण नर्मदा सहित कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे जलभराव वाले इलाकों और नदियों के किनारे न जाएं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है।
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