मध्यप्रदेश में भारी बारिश का कहर: 34 जिलों में अलर्ट, खेत डूबे, सड़कें बंद
भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होते ही प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश का कहर टूट पड़ा है। बीते तीन-चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 34 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे जन-धन की क्षति भी सामने आ रही है।


राजधानी भोपाल में लगातार तीसरे दिन तेज बारिश
भोपाल में सोमवार की रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक लगातार तेज बारिश होती रही। शहर की प्रमुख सड़कों पर पानी भर गया है और कई निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया है। नगर निगम की व्यवस्थाएं इस आपदा के आगे बेबस नजर आईं। सड़कों पर जाम और ट्रैफिक अव्यवस्था से लोग परेशान हैं।

तवा डैम के 9 गेट खुले, नर्मदा क्षेत्र में खतरे की घंटी
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट पर है। इटारसी में भारी बारिश के चलते तवा बांध के 9 गेट खोलकर एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे नर्मदा क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। बांध का जलस्तर 1159.80 फीट तक पहुंच गया है, जो उसके फुल टैंक लेवल के काफी करीब है।

विदिशा में बच्चों पर कहर, वृद्धा की मौत
विदिशा जिले में बारिश की मार सबसे ज्यादा देखने को मिली। ग्यारसपुर में स्कूल वैन का इंतजार कर रही एक बच्ची तेज बहाव में बह गई। उसका भाई भी उसे बचाने दौड़ा लेकिन वह भी बहने लगा। गनीमत रही कि आसपास के लोगों ने दोनों को सुरक्षित निकाल लिया। वहीं, विदिशा के शमशाबाद क्षेत्र के नहरयाई गांव में एक कच्चा मकान ढहने से 60 वर्षीय मुल्लो बाई की मलबे में दबकर मौत हो गई।
दमोह में उफनती ब्यारमा नदी से दंपति का रेस्क्यू
दमोह जिले में भी भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। तेंदूखेड़ा के पास ब्यारमा नदी में बहाव तेज हो गया। गोपालपुर गांव के एक दंपति कौशल गौड़ और आशारानी नदी पार करते वक्त फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने समय पर पहुंचकर दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला।

उज्जैन में लगातार बारिश, जनजीवन प्रभावित
उज्जैन में पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर तेज बारिश का दौर जारी है। शहर की प्रमुख सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बादल घिरे हैं और मौसम ठंडा बना हुआ है।

खेतों में पानी भरने से किसानों की मेहनत पर पानी
नरसिंहपुर, रायसेन, दमोह, विदिशा सहित कई जिलों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे खरीफ फसलों को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

मौसम विभाग का अलर्ट: 34 जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी
मौसम विभाग ने प्रदेश के 34 जिलों के लिए भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। मंदसौर और नीमच में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि विदिशा, राजगढ़, अशोकनगर, शिवपुरी, शाजापुर, गुना, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, दतिया, भिंड, मुरैना, ग्वालियर और श्योपुर में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इनमें से कई जिलों में 8 इंच से अधिक बारिश हो सकती है।

प्रदेश में 70% सीजनल बारिश पूरी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, इस वर्ष अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 25.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पूरे मानसून सीजन का लगभग 70% है। ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो चुका है।

कोलांस नदी उफान पर, भोपाल का बड़ा तालाब भी लबालब
भोपाल और सीहोर जिलों में हुई भारी बारिश के चलते कोलांस नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बड़ा तालाब 1661.05 फीट तक भर चुका है, जबकि इसका फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। यह शहर के जलप्रदाय के लिए अच्छा संकेत है, पर अधिक वर्षा से निचले इलाकों में पानी भरने की समस्या भी गंभीर हो गई है।

कहां कितनी बारिश हुई
जिला | बारिश (मिमी में) |
---|---|
रायसेन | 116 |
नरसिंहपुर | 97 |
पचमढ़ी | 94 |
भोपाल | 72 |
नर्मदापुरम | 52 |
जबलपुर | 38 |
सागर | 36 |
गुना | 31 |
खंडवा | 30 |
खरगोन | 27 |
श्योपुर | 22 |
बैतूल | 13 |
मध्यप्रदेश में बारिश ने जहां जलस्तर को बढ़ाया है, वहीं बाढ़ और जलभराव से आम जनजीवन को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन लगातार बारिश के कारण स्थिति और गंभीर होती जा रही है। आने वाले दिनों में यदि बारिश का यही सिलसिला जारी रहा, तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।

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