भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी भोपाल में वैश्विक निवेश सम्मेलन (Global Investors Summit – GIS) का शुभारंभ किया। यह राजधानी में आयोजित पहला और राज्य का आठवां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की और देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में राज्य की भूमिका को रेखांकित किया।
विश्व की निगाहें भारत पर – पीएम मोदी
अपने 27 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “भारत के इतिहास में पहली बार पूरी दुनिया हमें बहुत आशावादी नजरों से देख रही है।” उन्होंने कहा कि विश्व बैंक सहित अन्य वैश्विक संस्थाओं की रिपोर्टों में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा।
मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि और खनिज उत्पादन में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और इसमें हर वह संभावना मौजूद है जो इसे भारत के पांच शीर्ष राज्यों में स्थापित कर सकती है।
बीते दो दशकों में मध्यप्रदेश का ऐतिहासिक रूपांतरण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में मध्यप्रदेश ने बदलाव और विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने बताया कि एक समय था जब राज्य में बिजली, पानी और सड़कों की गंभीर समस्याएं थीं। लेकिन पिछले दो दशकों में भाजपा सरकारों ने बेहतर गवर्नेंस और आधारभूत संरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे प्रदेश निवेश और औद्योगिक विकास का केंद्र बन रहा है।
उन्होंने कहा कि “मध्यप्रदेश में आज वह सब कुछ है, जो इसे भारत के अग्रणी राज्यों की सूची में ला सकता है।”
विद्यार्थियों के कारण मोदी ने बदला अपना कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की शुरुआत लगभग 20 मिनट की देरी से हुई। उन्होंने खुद इसका कारण बताते हुए कहा कि जब वे राजभवन से निकलने वाले थे, तब कई विद्यार्थी परीक्षा देने जा रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि “मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से विद्यार्थियों को असुविधा हो, इसलिए मैंने अपने प्रस्थान के समय में बदलाव किया।”
गैस त्रासदी से लेकर औद्योगिक निवेश तक: मप्र की नई पहचान – सीएम मोहन यादव
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि “कभी भोपाल गैस त्रासदी के कारण बदनाम हुआ यह शहर अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से अपनी एक नई पहचान बना रहा है।”
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके लिए अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य में 2025 को ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा, जिससे औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके।
मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीतियों और संभावनाओं पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार की 18 से अधिक नई औद्योगिक नीतियों को लॉन्च किया। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य में निवेश को बढ़ावा देना, उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल बनाना और उद्योगों के विकास में तेजी लाना है।
कार्यक्रम में “मध्यप्रदेश – अनंत संभावनाएं” नामक एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, जिसमें प्रदेश की औद्योगिक और निवेश संभावनाओं को विस्तार से दिखाया गया। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की यात्रा पर केंद्रित “इंडिया ग्रोथ स्टोरी” नामक एक और फिल्म भी दिखाई गई।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश को भारत के औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में हो रहे प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक विकास, औद्योगिक निवेश और आधारभूत संरचना में सुधार की दिशा में पिछले दो दशकों में बड़ा बदलाव आया है।
मुख्य बिंदु:
✅ मध्यप्रदेश भारत के शीर्ष 5 औद्योगिक राज्यों में शामिल होने की राह पर
✅ बीते दो दशकों में प्रदेश में बिजली, पानी और सड़कों में सुधार
✅ प्रधानमंत्री ने निवेशकों के लिए 18 से अधिक नई औद्योगिक नीतियां लॉन्च कीं
✅ प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं पर केंद्रित दो लघु फिल्मों का प्रदर्शन
✅ मुख्यमंत्री बोले – अगले 5 वर्षों में मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था दोगुनी होगी
इस समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश और आर्थिक उन्नति की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।