July 31, 2025 4:07 PM

वन क्षेत्र में मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धि: 3.15 लाख हेक्टेयर में हुआ वनों का पुनर्वास, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की सराहना

madhya-pradesh-forest-rehabilitation-eco-tourism-boost

मध्यप्रदेश में 3.15 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र का पुनर्वास, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की सराहना

भोपाल। मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र को समृद्ध करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को राज्य वन विकास निगम की स्थापना के 50वें वर्ष पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी कि प्रदेश में तीन लाख 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वनों का पुनर्वास किया गया है। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए एक “गौरवशाली उपलब्धि” बताया और राज्य वन विकास निगम को इसके लिए बधाई का पात्र कहा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पुनर्वास कार्य उन क्षेत्रों में किया गया है, जहां खनन और बिजली उत्पादन के कारण राख के पहाड़ बन गए थे। इन दुर्गम स्थानों पर हरियाली वापस लाना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे वन विकास निगम ने बखूबी निभाया है।

वनों के साथ वन्यजीवों का संरक्षण भी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश न केवल वन क्षेत्र की दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण में भी देश का अग्रणी राज्य बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में देश में सबसे अधिक बाघ हैं, और चंबल क्षेत्र में घड़ियाल भी वन्यजीव पर्यटन का आकर्षण बने हुए हैं। साथ ही, विलुप्त हो रही गिद्ध प्रजातियों को भी प्रदेश में सफलतापूर्वक संरक्षण मिला है। उन्होंने बताया कि सर्पदंश से मौतों को कम करने के लिए सरकार योजनाएं चला रही है और प्रदेश में सर्प गणना की भी तैयारी हो रही है।

फर्नीचर उद्योग और इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने सागौन और अन्य बहुमूल्य काष्ठ से फर्नीचर निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजस्थान का जोधपुर आम और बबूल की लकड़ी से फर्नीचर निर्माण का एक बड़ा केंद्र बना है, उसी प्रकार मध्यप्रदेश भी सागौन आधारित फर्नीचर उद्योग के क्षेत्र में नई पहचान बना सकता है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वन विकास निगम के अंतर्गत संचालित केंद्रों पर ईको-टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार प्रदेश में चिड़ियाघर (जू) और वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है, जिससे न केवल वन्यजीवों की रक्षा हो सकेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

तकनीक आधारित वन प्रबंधन से मिली नई दिशा

मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि वन प्रबंधन में नवीनतम तकनीकों के प्रयोग से न केवल वनों का पुनर्वास संभव हो पाया है, बल्कि इससे वन संपदा की गुणवत्ता और सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने वन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी निष्ठा और मेहनत से ही यह सब संभव हुआ है।

विजन-2047 और पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वन विकास निगम के विजन-2047 का अनावरण किया, जिसमें निगम की आगामी कार्ययोजना और भावी रणनीतियां शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया। इनमें आर.के. नामदेव, आर.एस. नेगी, रतन पुरवार, पी.सी. ताम्रकार और भगवंतराव बोहरपी शामिल हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर वन विकास निगम की गतिविधियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के अंत में भारतीय वन प्रबंधन संस्थान के संचालक के. रविचंद्रन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अंगवस्त्र और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram