भोपाल। मध्यप्रदेश ने अपने प्रशासनिक और न्यायिक तंत्र में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने ई-समन प्रणाली को लागू किया है। यह पहल न्याय प्रक्रिया को सरल, तेज और अधिक प्रभावी बनाने के लिए की गई है। शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कार्यालय में मध्यप्रदेश में लागू तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिरीक्षक कैलाश मकवाना और राज्य तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ई-समन प्रणाली की सराहना
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ई-समन प्रणाली लागू करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होंने इसे अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताते हुए इसे अपनाने की सलाह दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि इस नई प्रणाली के तहत जेल से बंदियों को कोर्ट लाने-ले जाने की प्रक्रिया में सुधार हुआ है, जिससे पुलिस बल की असुविधा कम हुई है। इसके अलावा जनता को जल्दी और सुलभ न्याय मिल रहा है।
तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा
बैठक में पुलिस, जेल, अभियोजन, फॉरेंसिक और कोर्ट से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा की गई। इन प्रावधानों का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर मामलों का शीघ्र निपटान करना है। डॉ. यादव ने बताया कि नए कानूनी प्रावधानों के तहत न्याय प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती
डॉ. यादव ने बताया कि आगामी दो वर्षों में पुलिस बल और न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए फॉरेंसिक साइंस के विशेषज्ञों की भर्ती और प्रशिक्षण का कार्य चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा। इसके लिए वृहद स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे नए कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।
समयबद्ध समीक्षा और निगरानी
केंद्रीय गृह मंत्री को बताया गया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रतिमाह और मुख्य सचिव अनुराग जैन प्रत्येक 15 दिन में नए कानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके तहत जिला और तहसील स्तर तक निगरानी की जाएगी, ताकि न्याय प्रक्रिया में सुधार शीघ्रता से हो सके।
ई-समन प्रणाली के लाभ
- न्याय प्रक्रिया में तेजी: ई-समन प्रणाली के माध्यम से केसों की सुनवाई में देरी नहीं हो रही है।
- पुलिस बल की बचत: जेल से बंदियों को कोर्ट ले जाने की आवश्यकता कम हो गई है, जिससे पुलिस का समय बच रहा है।
- डिजिटल साक्ष्य का उपयोग: आधुनिक संसाधनों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर मामलों का शीघ्र निपटान संभव हो रहा है।
- जनता को त्वरित न्याय: नई प्रणाली के तहत जनता को जल्दी न्याय मिल रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह का बयान
बैठक में अमित शाह ने कहा, “मध्यप्रदेश ने देश में ई-समन प्रणाली लागू करके एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह न्याय प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। अन्य राज्यों को भी इसे अपनाना चाहिए।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान
डॉ. यादव ने कहा, “नए कानून प्रबंधन से कम समय में जल्दी न्याय देने की प्रक्रिया सुलभ हो गई है। हम दो साल में इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रदेश को न्यायिक प्रगति की दिशा में अग्रणी बनाएगा।”
समयबद्ध योजना और क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक समयबद्ध योजना सौंपी है। इसमें नए कानूनों के तहत प्रशिक्षण देने और समस्याओं का समाधान करने का लक्ष्य रखा गया है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश में लागू ई-समन प्रणाली और तीन नए आपराधिक कानूनों ने न्याय प्रक्रिया को डिजिटल युग में एक नया आयाम दिया है। यह पहल न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।