भोपाल। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर मध्यप्रदेश के मौसम पर पड़ रहा है। प्रदेशभर में शीतलहर का दौर जारी है, जिससे तापमान में गिरावट देखी जा रही है। बीती मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात पचमढ़ी में तापमान शून्य के करीब पहुंच गया। यहां न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन में प्रदेश का सबसे कम तापमान रहा।
भोपाल में भी कड़ाके की ठंड जारी है। मंगलवार-बुधवार की रात राजधानी में न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो इस सीजन की दूसरी सबसे सर्द रात थी। इससे पहले 16 दिसंबर को भोपाल में 3.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जो अब तक का सबसे ठंडा दिन था। इस बार सर्दी ने समय से पहले ही अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, और लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश के अन्य इलाकों में भी ठंड का व्यापक असर देखने को मिला है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के 28 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। पचमढ़ी, खजुराहो, ग्वालियर, रीवा, और सागर जैसे शहरों में तापमान काफी गिर गया है। ठंडी हवाओं के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि प्रदेश में पड़ रही ठंड का मुख्य कारण उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी और वहां से आ रही ठंडी हवाएं हैं। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे तक प्रदेश में ठंड का यही आलम रहेगा। हालांकि, इसके बाद मौसम में थोड़ा बदलाव आ सकता है और तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि देखने को मिलेगी।
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे ठंड में कुछ कमी आएगी। हालांकि, सुबह और रात के समय ठंडक बनी रहेगी।
ठंड से बचाव के उपाय
भोपाल और अन्य शहरों में प्रशासन ने लोगों को ठंड से बचने के लिए आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई है।
सड़कों पर अलाव की व्यवस्था की जा रही है ताकि जरूरतमंद लोग ठंड से राहत पा सकें। स्कूलों और कार्यालयों में भी समय बदलने की संभावना जताई गई है ताकि लोग ठंड के समय घरों में रह सकें।
किसान और फसल पर असर
कड़ाके की ठंड का असर फसलों पर भी देखने को मिल सकता है। रबी की फसल के लिए यह ठंड फायदेमंद है, लेकिन अत्यधिक पाला फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। किसान इस समय फसलों की देखरेख में जुटे हुए हैं।
मध्यप्रदेश में सर्दी ने इस साल रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर प्रदेशभर में महसूस किया जा रहा है। हालांकि, आने वाले दिनों में मौसम में कुछ राहत की उम्मीद है, लेकिन तब तक लोगों को ठंड से बचाव के उपाय करने की आवश्यकता है।
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