मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद के निर्णय: हेलीकॉप्टर सेवा, पावर प्रोजेक्ट्स और 354 सीनियर रेसीडेंट पदों को मंजूरी
धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा
मध्यप्रदेश में धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए नई हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह सेवा पीपीपी मॉडल पर संचालित होगी और निजी ऑपरेटरों द्वारा चयनित हवाई अड्डों, हेलीपैड और हवाई पट्टियों के बीच उड़ानें उपलब्ध कराई जाएंगी।

हेलीकॉप्टर सेवा तीन सेक्टरों में चलेगी—
- सेक्टर-1: इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर, गांधीसागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर।
- सेक्टर-2: भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ग्वालियर, शिवपुरी, कूनो (श्योपुर), ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर।
- सेक्टर-3: जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, चित्रकूट, सरसी, परसिली, मैहर, सतना, पन्ना, खजुराहो, कटनी, रीवा, सिंगरौली, अमरकंटक, सिवनी, सीधी, मंडला, पेंच, डिंडौरी, भोपाल और इंदौर।
इस सेवा से यात्रियों और पर्यटकों के साथ-साथ व्यवसायियों और निवेशकों के लिए भी राज्य में यात्रा आसान होगी। पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे।

सतपुड़ा ताप विद्युत इकाई की लागत 11,678 करोड़
मंत्रि-परिषद ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी (660 मेगावाट) की लागत को पुनरीक्षित करते हुए 11,678 करोड़ 74 लाख रुपये स्वीकृत किए। इस परियोजना का वित्त पोषण 20:80 अंशपूंजी और ऋण के अनुपात में किया जाएगा। इसमें राज्य शासन 684 करोड़ 53 लाख रुपये का योगदान देगा। शेष राशि म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अपने संसाधनों से जुटाएगी।

अमरकंटक ताप विद्युत गृह की लागत 11,476 करोड़
बैठक में अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई (660 मेगावाट) की पुनरीक्षित लागत 11,476 करोड़ 31 लाख रुपये को भी मंजूरी दी गई। इसमें राज्य शासन 699 करोड़ 90 लाख रुपये देगा, जबकि बाकी राशि म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड उपलब्ध कराएगी।
13 मेडिकल कॉलेजों में 354 सीनियर रेसीडेंट पद
मंत्रि-परिषद ने 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में 354 सीनियर रेसीडेंट पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी। यह कदम राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) के मापदंडों के अनुसार मान्यता बनाए रखने और चिकित्सा महाविद्यालयों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
ये पद भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा स्थित मेडिकल कॉलेजों में सृजित किए जाएंगे। इससे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
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