भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4,21,032 करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट भाषण की शुरुआत एक कविता से की— “यही जुनून, यही एक ख्वाब मेरा है, वहां चिराग जला दूं जहां अंधेरा है…”। बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया और न ही किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। सरकार ने पुराने करों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की, लेकिन किसी प्रकार की अतिरिक्त रियायत भी नहीं दी गई है। इसका सीधा प्रभाव यह होगा कि आम जनता की आवश्यक वस्तुएं न सस्ती होंगी और न ही महंगी।



मुख्य बिंदु
- लाड़ली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ने की घोषणा।
- प्रदेश में डिजिटल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।
- युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्योगों में 3 लाख नौकरियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
- प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज और 22 नए आईटीआई खोलने का निर्णय।
- 1 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण और 500 रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाएंगे।
- बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना शुरू होगी।
- गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के लिए योजनाओं का विशेष पैकेज।
- गृह विभाग के लिए 12,876 करोड़ रुपए का बजट, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1,585 करोड़ रुपए अधिक।
- प्रदेश में 39 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
- विशेष पिछड़ी जातियों के लिए 53,000 से अधिक आवास निर्माण।
- बजट में 15% की वृद्धि प्रस्तावित, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को 250 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य।
बजट का सामाजिक प्रभाव
इस बजट में महिलाओं, किसानों, युवाओं और समाज के पिछड़े वर्गों के लिए कई योजनाएं पेश की गई हैं। लाड़ली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया है, जिससे महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी। साथ ही, गरीब परिवारों के लिए योजनाओं का विशेष पैकेज दिया जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
कृषि क्षेत्र में बड़ा निवेश किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना शुरू की जाएगी, जिससे किसानों को बेहतर संसाधन और प्रशिक्षण मिलेगा। वहीं, खाद्यान्न योजना के लिए 7,132 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है, जिससे खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।



बुनियादी ढांचे का विकास
बजट में प्रदेश में 1 लाख किलोमीटर सड़कों के निर्माण और 500 रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाने की योजना है। इसके साथ ही, गृह विभाग के लिए 12,876 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। छिंदवाड़ा, नीमच, शहडोल, शिवपुरी, खंडवा, मंडला, झाबुआ और उज्जैन हवाई पट्टियों के विकास का कार्य किया जा रहा है, जिससे परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा।
राजनीतिक घटनाक्रम और विपक्ष की प्रतिक्रिया
बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने दलित और आदिवासी समुदाय के विकास के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया और नल-जल योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है। विरोध स्वरूप कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया, लेकिन पांच मिनट बाद वे वापस लौट आए।
अन्य प्रमुख घोषणाएं
- सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन योजना पर विचार करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित।
- 1 अप्रैल 2025 से सातवें वेतनमान के महंगाई भत्ते का पुनरीक्षण किया जाएगा।
- गोशालाओं में गायों के आहार के लिए प्रतिदिन प्रति गाय 20 से 40 रुपए तक की बढ़ोतरी।
- वन्य जीव और मानव संघर्ष रोकने के लिए 3,000 किलोमीटर बाड़ (फेंसिंग) लगाई जाएगी।
- मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- वाहन स्क्रैप नीति के तहत नई गाड़ी खरीदने पर 15% कर छूट।
- धार और डिंडोरी में जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना।
- आने वाले 5 वर्षों में उद्योगों को लगभग 30,000 करोड़ रुपए के इंसेंटिव।
- जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 23,000 प्राथमिक, 6,800 माध्यमिक, 1,100 हाई स्कूल और 900 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों की स्थापना।
- बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की 2.20 लाख महिलाओं के खातों में प्रतिमाह 1,500 रुपए सहायता राशि।
- अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के लिए 25 करोड़ रुपए।
- पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1,086 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- प्रदेश में 22 नए छात्रावास बनाए जाएंगे।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सीएम केयर योजना लागू होगी।
- कुपोषण मिटाने के लिए महिला मुखिया को हर महीने 1,500 रुपए की सहायता।
- राज्य में डिजिटल यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना।

मध्यप्रदेश सरकार का 2025-26 का बजट संतुलित दृष्टिकोण के साथ पेश किया गया है। इसमें सामाजिक उत्थान, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, औद्योगिक प्रोत्साहन और युवाओं को रोजगार देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है, जिससे जनता को राहत मिली है। हालांकि, विपक्ष ने इसे भ्रामक बताते हुए दलित, आदिवासी और गरीब वर्गों के लिए अपर्याप्त करार दिया है। सरकार का लक्ष्य है विकसित मध्यप्रदेश 2047, और इस बजट को उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!