- दिल्ली में जीआईएस-2025 पूर्वावलोकन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों को भोपाल आने का दिया निमंत्रण
नई दिल्ली।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को नई दिल्ली के होटल ताज में आयोजित “मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (एमपी-जीआईएस) 2025” के पूर्वावलोकन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब राजनेता और उद्योगपति यदि उद्योगों के विकास की बात करते थे, तो इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती थी और राजनीतिक दृष्टि से यह चुनौती बन जाती थी। लेकिन आज समय बदल चुका है। यदि उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे, उद्योगपतियों से संवाद नहीं करेंगे, तो नए रोजगार के अवसर कैसे सृजित होंगे?
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश और विकास की अनुकूल परिस्थितियां हैं और सभी निवेशकों को 24 और 25 फरवरी को भोपाल आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने निवेशकों से कहा कि वे मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रस्ताव दें। इस कार्यक्रम में अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनकी कंपनी मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
अवादा ग्रुप की निवेश योजना
अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने कहा कि उनकी कंपनी ने 2013 में मध्यप्रदेश में 150 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किया था। अब कंपनी राज्य में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। यह निवेश अक्षय ऊर्जा, ग्रीन एनर्जी और अन्य क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल है और सरकार की नीतियां भी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल हैं।
मुख्यमंत्री ने दी निवेश प्रोत्साहन की जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विस्तार से ही देश का आर्थिक विकास संभव है और प्रधानमंत्री इसी सोच के साथ देश को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में जमीन की कीमत दिल्ली की 1/40 और मुंबई की 1/100 है, जिससे उद्योगपतियों को कम लागत पर भूमि उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने निवेशकों को प्रेरित करते हुए कहा कि जो निवेश करना चाहते हैं, वे खुद भी जमीन खरीद सकते हैं, जैसे अवादा ग्रुप ने किया है।
सिंघानिया ग्रुप करेगा 3 हजार करोड़ का निवेश
सीआईआई नॉर्दर्न रीजन के चेयरमैन माधवकृष्ण सिंघानिया ने कहा कि 2016 में उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश की शुरुआत की थी और अब वे 3 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने मध्यप्रदेश में दो कोल ब्लॉक भी लिए हैं, जिनमें 1500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
नई नीतियों की घोषणा
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार एक महीने में 11 नीतियों को नए सिरे से मान्य कर चुकी है। मध्यप्रदेश की औद्योगिक निवेश संवर्धन नीति 2025 को मदर पॉलिसी के रूप में तैयार किया गया है, जिसके तहत अब तक 20 नीतियों को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा, राज्य सरकार 8 से 10 नई नीतियां और लाने की योजना बना रही है।
अवादा ग्रुप के सुझाव
अवादा ग्रुप के चेयरमैन विनीत मित्तल ने निवेशकों के लिए सरकार की सकारात्मक पहल की सराहना की। उन्होंने मुख्य सचिव द्वारा सिटीजन चार्टर के साथ निवेशकों के लिए चार्टर बनाने की योजना को सराहा और कहा कि इससे निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश सरकार को यूरोप के नेताओं के साथ समझौता करना चाहिए, क्योंकि यूरोप की कैबिनेट 28 फरवरी को भारत आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रीन पावर जोन बनाया जाए, जिससे निवेश को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मित्तल ने यह भी कहा कि वर्तमान में उद्योगों के लिए कैम्पस हायरिंग में युवाओं को प्रशिक्षित करने में छह माह लगते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश की नीतियों के कारण यह प्रक्रिया अधिक आसान हो गई है। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि ग्रीन एनर्जी के लिए 2035 का विजन अभी से बनाकर उस पर काम शुरू किया जाए।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं और नीतियां लागू की हैं। अवादा ग्रुप और सिंघानिया ग्रुप जैसे बड़े निवेशकों की घोषणाएं राज्य के औद्योगिक विकास को नई दिशा देंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रयासरत है। अब सभी की नजरें फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 पर टिकी हैं, जहां और अधिक बड़े निवेश प्रस्तावों की घोषणा होने की उम्मीद है।