मध्यप्रदेश स्थापना दिवस: 2000 ड्रोन से सजी विकास यात्रा, जुबिन नौटियाल ने दी मनमोहक प्रस्तुति

लाल परेड ग्राउंड पर ड्रोन शो से सजी ‘विकास यात्रा’ की अनोखी झलक, जुबिन नौटियाल ने दी शानदार प्रस्तुति

भोपाल, 1 नवम्बर। मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस का जश्न इस वर्ष पूरे प्रदेश में अभूतपूर्व उल्लास और गर्व के साथ मनाया गया। राजधानी भोपाल से लेकर गांव-कस्बों तक ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ के नाम से आयोजित इस समारोह ने प्रदेशवासियों में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार किया। दीपों से सजे नगर, रंग-बिरंगी रोशनी, और आकाश में उड़ते ड्रोन ने इस उत्सव को भव्यता की नई ऊंचाई दी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह का शुभारंभ किया। मंच से उन्होंने प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “मध्यप्रदेश ने बीते सात दशकों में विरासत से विकास की यात्रा पूरी की है, और अब यह विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है।” मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता, युवाओं, किसानों, महिलाओं और प्रशासनिक तंत्र के योगदान को इस उपलब्धि का आधार बताया।

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आसमान में चमके विकास के चित्र – 2000 ड्रोन से दिखी ‘विकसित मध्यप्रदेश’ की झलक

मुख्य समारोह का सबसे आकर्षक और यादगार क्षण रहा ड्रोन शो, जिसमें 2000 से अधिक ड्रोन एक साथ उड़ान भरते हुए आकाश में मध्यप्रदेश की विकास यात्रा को जीवंत कर रहे थे। आसमान में महाकाल मंदिर की त्रिवेणी छवि, भोपाल का ताज झील, चंबल एक्सप्रेसवे, इन्वेस्ट मध्यप्रदेश, सौर ऊर्जा परियोजनाएं, किसान सम्मान योजना और नर्मदा नदी की पवित्र लहरें – सब कुछ इस शो में डिजिटल रोशनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

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लोगों ने जब ड्रोन से बना ‘जय मध्यप्रदेश’ का दृश्य देखा तो पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। शो के दौरान हर छवि के साथ संगीत और रोशनी का अद्भुत तालमेल दिखा, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह शो न केवल तकनीकी दृष्टि से उत्कृष्ट था बल्कि यह संदेश भी देता दिखा कि मध्यप्रदेश अब नवाचार और आधुनिक तकनीक की राह पर मजबूती से बढ़ रहा है।

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दीपों और आतिशबाजी से जगमगाया प्रदेश

स्थापना दिवस के मौके पर पूरे प्रदेश में दीप जलाए गए। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर और छतरपुर सहित सभी जिलों में प्रशासनिक भवनों, स्मारकों और सार्वजनिक स्थानों पर रोशनी से सजावट की गई। कई स्थानों पर रंगोली प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक लोकनृत्य और संगीत प्रस्तुतियों ने लोगों को प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाई।

भोपाल की सड़कों पर शाम ढलते ही दीपों की कतारें जगमगाने लगीं। नवभारत प्रेस ग्राउंड, शौर्य स्मारक और स्मार्ट सिटी पार्कों में आयोजित कार्यक्रमों में नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ी। बच्चों ने तिरंगा हाथ में लेकर “जय मध्यप्रदेश” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए।

संगीत की शाम में गूंजे सुर – जुबिन नौटियाल का लाइव कॉन्सर्ट

शाम होते ही लाल परेड ग्राउंड संगीत के सुरों से गूंज उठा, जब प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल मंच पर आए। उनके लोकप्रिय गीतों पर हजारों लोगों ने तालियाँ बजाईं और मोबाइल फ्लैशलाइट से पूरा मैदान जगमगा उठा। जुबिन ने “तेरी गलियों से”, “रातां लम्बियां” और “जिंदगी कुछ तो बता” जैसे गीतों से दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जुबिन को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि “संगीत, संस्कृति और तकनीक के संगम ने आज के कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया है। यह उत्सव मध्यप्रदेश की आत्मा और उसके विकास की दिशा दोनों को दर्शाता है।”

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प्रदेश के इतिहास और भविष्य का संगम

कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई जिसमें मध्यप्रदेश की 70 वर्षों की यात्रा दिखाई गई — 1956 में राज्य के गठन से लेकर आज के डिजिटल और औद्योगिक मध्यप्रदेश तक। इसमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और उद्योग के क्षेत्र में हुए विकास को भावनात्मक अंदाज में प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने बीते वर्षों में आत्मनिर्भरता, नवाचार और जनभागीदारी के तीन स्तंभों पर अपने विकास का ढांचा खड़ा किया है। उन्होंने कहा, “70 वर्ष की यह यात्रा अब हमें 2047 के विकसित मध्यप्रदेश की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।”

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जनता ने मनाया ‘मप्र गौरव दिवस’

स्थापना दिवस पर केवल राजधानी ही नहीं, बल्कि हर जिले में विशेष आयोजन हुए। उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर में दीप महोत्सव आयोजित हुआ, इंदौर में स्वच्छता थीम पर रैली निकाली गई, और जबलपुर में नर्मदा तट पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ। ग्रामीण इलाकों में भी स्कूलों और पंचायतों ने अपने स्तर पर मध्यप्रदेश गौरव दिवस मनाया।

भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में जब कार्यक्रम का समापन हुआ, तो आसमान में रंगीन आतिशबाजी छा गई। लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में उस क्षण को कैद किया जो आने वाले वर्षों तक याद रहेगा — जब 70 वर्ष के मध्यप्रदेश ने अपने भविष्य की दिशा में आत्मविश्वास से कदम बढ़ाया।

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