पंजाब के निवेशकों को दिया मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने का आमंत्रण, बोले – मप्र को बनाएं अपना दूसरा घर
लुधियाना से 15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, मप्र में होंगे 20 हजार रोजगार
भोपाल/लुधियाना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को लुधियाना में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट के दौरान उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि लुधियाना के उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश को 15,606 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 20,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है। लुधियाना को भारत का मैनचेस्टर बताया गया और यहां के उद्योगों — खासकर साइकिल इंडस्ट्री — की जमकर तारीफ की गई। उन्होंने कहा कि हीरो और ए-वन जैसी ब्रांड्स ने लुधियाना को वैश्विक पहचान दिलाई है। इसी ऊर्जा और उद्यमिता की जरूरत मध्यप्रदेश को भी है।

पंजाब और मध्यप्रदेश—दो भाई, जो देश के विकास में साथ आएंगे
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पंजाब और मध्यप्रदेश की तुलना दो भाइयों से की। उन्होंने कहा, “पंजाब अनाज उत्पादन में अग्रणी है, जबकि मध्यप्रदेश पीछे नहीं है। अब दोनों भाई मिलकर देश के औद्योगिक विकास में भागीदार बनेंगे।”
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को आत्मीय निमंत्रण देते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश को अपना “दूसरा घर” बनाएं। यहां भूमि, बिजली, पानी, श्रमिक शक्ति और सरकार का हर संभव सहयोग उपलब्ध है। “जितने उद्योग लगाना चाहें, सरकार पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत करेगी,” उन्होंने कहा।
खनिज और औद्योगिक समृद्धि की भूमि
डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश वह राज्य है जहां पन्ना में हीरे, शहडोल में आयरन डिपॉजिट्स और हाल ही में सिंगरौली में सोने की खान मिली है। यह रत्नगर्भा भूमि निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर है। उन्होंने टेक्सटाइल सेक्टर के श्रमिकों के लिए 5,000 रुपए की अतिरिक्त वेतन सहायता की घोषणा भी की।

साइकिल निर्माण की फैक्टरी लगाने का न्योता
मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र में स्कूली बच्चों को साइकिलें वितरित की जा रही हैं। वर्तमान में ये साइकिलें पंजाब से आ रही हैं, जबकि ये फैक्ट्री मध्यप्रदेश में भी लग सकती हैं। उन्होंने लुधियाना के उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे साइकिल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना मप्र में करें।
2014 में 11वें स्थान पर था भारत, अब चौथे पर
मुख्यमंत्री ने देश की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 2014 में भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था था, लेकिन अब यह चौथे स्थान पर है और तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है।
GIS में मिले थे 31 लाख करोड़ के प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने बताया कि फरवरी 2025 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में मध्यप्रदेश को 30.77 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके बाद कोयंबटूर, सूरत और अब लुधियाना में रोडशो कर निवेशकों से प्रत्यक्ष संवाद किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल नीतियां बना रही है और संभाग स्तर पर क्षेत्रीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं।
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