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June 1, 2025 3:16 PM

प्रदेश में लव जिहाद मामलों की जांच के लिए बनी SIT, महिला आयोग आज क्लब 90 का करेगा निरीक्षण

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भोपाल, इंदौर के बाद दमोह में भी सामने आया मामला, 7 पीड़िताएं अब तक हुईं सामने

भोपाल। मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामलों ने तूल पकड़ लिया है। राजधानी भोपाल और इंदौर के बाद अब दमोह जिले से भी एक नया मामला सामने आया है। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है, जिसे प्रदेशभर में सामने आ रहे सभी लव जिहाद, दुष्कर्म और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों की निगरानी और जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

SIT को सौंपी गई पूरे प्रदेश की जांच

राज्य स्तर पर गठित इस SIT की कमान भोपाल देहात के आईजी अभय सिंह को दी गई है। उनके साथ भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव और पुलिस मुख्यालय के तीन वरिष्ठ अधिकारी मिलकर समन्वय करेंगे। टीम का मुख्य उद्देश्य प्रदेशभर में दर्ज हुए लव जिहाद, दुष्कर्म, और धर्मांतरण से जुड़े मामलों की जांच करना, तथ्यों को एकत्रित कर एकीकृत रिपोर्ट तैयार करना और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना है।

क्लब 90 पर जांच का केंद्र, महिला आयोग का दौरा आज

भोपाल के बहुचर्चित क्लब 90 केस की जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम सोमवार को क्लब का निरीक्षण करेगी। टीम की अगुवाई पूर्व डीजीपी निर्मल कौर कर रही हैं। आयोग को अब तक 7 पीड़िताओं के बयान मिल चुके हैं और संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

मानवाधिकार आयोग ने भी उठाए सवाल

इस पूरे मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी सक्रियता दिखाई है। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो के अनुसार, प्रथम दृष्टया पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज करने में देरी पाई गई है। उन्होंने भोपाल पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। रविवार को एक पीड़िता ने महिला आयोग के समक्ष बयान दिया, जिसके बाद आयोग ने FIR में संगठित अपराध की धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है।

लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर प्रशासन सतर्क

प्रदेश में लव जिहाद के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के चलते राज्य सरकार और जांच एजेंसियां सतर्क मोड में आ गई हैं। पुलिस और महिला आयोग के अलावा कई सामाजिक संगठन भी इस पर सक्रिय हैं। प्रशासन अब इन मामलों को केवल व्यक्तिगत अपराध न मानते हुए, संगठित नेटवर्क के रूप में देखने लगा है।

दमोह में भी उजागर हुआ नया मामला

भोपाल और इंदौर के बाद अब दमोह जिले से भी एक मामला सामने आया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह समस्या सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं है। राज्य सरकार अब इस पर समग्र नीति तैयार करने पर विचार कर रही है।


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