- कश्मीर में सक्रिय आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बड़े पैमाने पर घुसपैठ की योजना बनाई
श्रीनगर। ऑपरेशन सिंदूर से परेशान पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में सक्रिय आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बड़े पैमाने पर घुसपैठ की योजना बनाई है। इसके तहत एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में जम्मू-कश्मीर और पंजाब में लगभग एक दर्जन नए लॉन्चिंग पैड सक्रिय किए गए हैं। इन पैडों पर कुल 40 आतंकी मौजूद हैं, जिन्हें अक्टूबर-नवंबर के दौरान सुरक्षित घुसपैठ कराने की कोशिश की जाएगी।
एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लॉन्चिंग पैड
संबंधित सूत्रों के अनुसार, राजौरी-पुंछ और बारामुला-कुपवाड़ा व गुरेज में एलओसी के पार नए लॉन्चिंग पैड बनाए गए हैं। इसके अलावा जम्मू में सांबा जिले के लूनी और बड़ा बाबा मसरुर में भी दो नए लॉन्चिंग पैड शुरू किए गए हैं। हर पैड पर 2-3 आतंकी तैनात हैं, जिनमें अधिकांश को पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्ते एसएसजी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।
इन आतंकियों में अधिकांश पाकिस्तानी पंजाब और गुलाम जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं, जबकि कुछ स्थानीय कश्मीरी भी शामिल हैं। राजौरी-पुंछ और उत्तरी कश्मीर में एलओसी पार मौजूद कश्मीरी आतंकी वे हैं जो पिछले वर्षों में अचानक लापता हुए या पासपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान गए थे।
घुसपैठ की योजना और लक्षित वारदातें
सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकियों को सुरक्षाबलों पर हमले या किसी विशेष जगह पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें स्थानीय आतंकियों के साथ सेफ हाउस, बाग या जंगल में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए ड्रोन और जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल कर सुरक्षित घुसपैठ सुनिश्चित की जाएगी। गाइडों का प्रयोग केवल विशेष मिशन या प्रमुख कमांडर की घुसपैठ के लिए किया जाएगा।
नार्को-टेरर मॉड्यूल का भी इस्तेमाल
जम्मू और पंजाब में सक्रिय अवैध नशीले पदार्थ तस्करों का नेटवर्क भी आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ में सहायक बनाया जाएगा। इन्हें सीमा पार से आने वाले आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्दियों से पहले घुसपैठ के प्रयास बढ़ जाते हैं। पिछले अगस्त और सितंबर में पुंछ, उड़ी और गुरेज में घुसपैठ के प्रयास सफलतापूर्वक नाकाम बनाए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार घुसपैठरोधी तंत्र का मूल्यांकन और सुधार कर रही हैं ताकि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की योजनाओं को विफल किया जा सके।