डोरल । राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2021 में अमेरिकी कैपिटल पर हमला करने वाले दंगाइयों को माफ कर दिया है। इस पर उनके करीबी सहयोगी लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि हमलावरों को माफ करने से गलत संदेश जाता है। उन्होंने भविष्य में ऐसे ही और व्यापक क्षमादान के फैसलों के भावी परिणामों को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
दक्षिण कैरोलिना के रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने रविवार को सीएनएन से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि जब आप पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वालों को माफ करते हैं, तो आप आम जनता को गलत संदेश भेजते हैं।' उन्होंने कहा कि इस तरह माफी देने से पुलिस कर्मियों की सुरक्षा नहीं की जा सकती है।
ट्रंप ने 1500 उपद्रवियों को दिया था क्षमादान
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना के बाद नतीजों को संसद में औपचारिक रूप से प्रमाणित किया जाता है। 6 जनवरी, 2021 को जो बाइडन की जीत को प्रमाणित किए जाने की प्रक्रिया के दौरान नतीजों से असंतुष्ट लगभग 1500 उपद्रवियों ने यूएस कैपिटल को निशाना बनाया था, जिन्हें ट्रंप ने क्षमादान दे दिया।
जेल से रिहा होने वालों में स्टीवर्ट रोड्स भी
जेल से रिहा होने वालों में स्टीवर्ट रोड्स भी शामिल थे, जिन्होंने हमले की साजिश रची थी। इनके बारे में पूछे जाने पर ग्राहम ने कहा कि मुझे ट्रंप का फैसला पसंद नहीं है। बाइडन ने भी क्षमादान का उपयोग कर अपने रिश्तेदारों समेत कई लोगों को माफ किया। बतौर राष्ट्रपति मुझे ऐसे फैसले किसी भी पक्ष में पसंद नहीं हैं और जनता को भी यह पसंद नहीं है। अगर ऐसा ही जारी रहा तो राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा सकता है।
पुलिस अधिकारी की पिटाई करने वालों को माफ करना गलती: ग्राहम
ग्राहम ने आगे कहा कि ट्रंप के पास क्षमादान का कानूनी अधिकार है, लेकिन 'मुझे डर है कि आपको और अधिक हिंसा देखने को मिलेगी। कैपिटल में घुसकर पुलिस अधिकारी की पिटाई करने वाले लोगों को माफ करना गलती है।'
जेडी वेंस ने भी क्षमादान के फैसले पर जताई थी असहमति
बता दें कि ग्राहम के अलावा, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी क्षमादान के फैसले पर असहमति जताई थी। ट्रंप के क्षमादान देने से एक हफ्ते पहले उन्होंने कहा था कि अगर आपने 6 जनवरी के दिन हिंसा की है तो माफ नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, वेंस ने बाद में एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप और उनकी टीम ने यूएस कैपिटल दंगा के आरोपियों के मामलों की सावधानीपूर्वक समीक्षा के बाद क्षमादान का सही निर्णय लिया।
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