एलआईसी ने वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को बताया झूठा, अदाणी समूह में निवेश की खबर का किया खंडन
कंपनी ने कहा – किसी भी तरह का निवेश प्रस्ताव या दस्तावेज मौजूद नहीं, रिपोर्ट प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश
नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अमेरिकी अख़बार द वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित उस रिपोर्ट का कड़ा खंडन किया है जिसमें दावा किया गया था कि एलआईसी अदाणी समूह की कंपनियों में करीब 3.90 अरब डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) का नया निवेश करने की योजना बना रहा है। एलआईसी ने शनिवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर इस रिपोर्ट को “पूरी तरह झूठ, भ्रामक और बिना आधार का दावा” बताया है।
“कंपनी के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं” — एलआईसी
एलआईसी ने कहा कि रिपोर्ट में किए गए सभी दावे तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि अदाणी समूह में निवेश से संबंधित न तो कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है, न ही ऐसा कोई दस्तावेज मौजूद है।
बयान में कहा गया, “द वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में किया गया दावा पूरी तरह असत्य और भ्रामक है। हमारे पास 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव नहीं है। एलआईसी अपने सभी निवेश निर्णय स्वतंत्र रूप से और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लेता है।”
कंपनी ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद एलआईसी की साख पर सवाल उठाना और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना प्रतीत होता है।
“सभी निवेश निर्णय स्वतंत्र और नियामक मानकों के अनुरूप”
एलआईसी ने अपने बयान में यह भी दोहराया कि उसके सभी निवेश निर्णय किसी भी सरकारी हस्तक्षेप या बाहरी दबाव से मुक्त होते हैं। कंपनी ने कहा कि वह निवेश से जुड़ी हर प्रक्रिया में विस्तृत वित्तीय मूल्यांकन, जोखिम विश्लेषण और नियामकीय अनुपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
एलआईसी ने कहा, “हमारे निवेश निर्णय पूरी तरह से भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा तय किए गए मानकों, कंपनी अधिनियम और आंतरिक नीति ढांचे के अनुसार होते हैं। हमारे लिए निवेशकों, बीमाधारकों और शेयरधारकों का हित सर्वोपरि है।”
“एलआईसी की साख पर सवाल उठाने की कोशिश”
एलआईसी ने कहा कि इस तरह की भ्रामक रिपोर्टिंग से न केवल संस्था की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है, बल्कि उन करोड़ों बीमाधारकों और निवेशकों का भी विश्वास प्रभावित होता है जिन्होंने वर्षों से एलआईसी पर भरोसा किया है। कंपनी ने कहा कि एलआईसी की वित्तीय नीतियाँ पूरी तरह स्वायत्त, पारदर्शी और जवाबदेह हैं।
एलआईसी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह देश की सबसे बड़ी बीमा और निवेश संस्था है, और ऐसे में किसी भी प्रकार के निवेश का निर्णय केवल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा स्वीकृत नीति के अनुरूप ही लिया जाता है।

एलआईसी का बयान भारतीय वित्तीय संस्थाओं की विश्वसनीयता का प्रतीक
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ने एक बार फिर एलआईसी के निवेश ढांचे पर सवाल उठाने की कोशिश की थी, लेकिन कंपनी का त्वरित और सख्त खंडन भारतीय वित्तीय संस्थाओं की स्वायत्तता और मजबूती को दर्शाता है।
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि एलआईसी का यह स्पष्ट रुख भारत के बीमा और बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो यह साबित करता है कि देश की सार्वजनिक वित्तीय संस्थाएँ नीतिगत स्वतंत्रता और पारदर्शिता के साथ काम करती हैं।
निवेशकों के भरोसे को बनाए रखने पर जोर
एलआईसी ने कहा कि वह अपने करोड़ों ग्राहकों और शेयरधारकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसी भी तरह की अफवाह या भ्रामक रिपोर्ट से कंपनी की कार्यप्रणाली प्रभावित नहीं होगी।
कंपनी ने जनता से अपील की कि वे किसी भी अनधिकृत या अपुष्ट मीडिया रिपोर्ट पर विश्वास न करें।
एलआईसी का यह बयान अदाणी समूह में निवेश को लेकर चल रही अटकलों पर स्पष्ट विराम लगाता है।
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