- इंदौर में पत्नी ताबूत से लिपटकर रोई, बुआ बोलीं-अब किसका इंतजार करूंगी मैं
इंदौर । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए इंदौर के सुशील नथानियल (52) की अंतिम विदाई में हर आंख नम थी। जूनी इंदौर के कब्रिस्तान में जब ताबूत को कब्र में उतारा गया, वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भीग गईं। पत्नी जेनिफर ताबूत से लिपटकर फूट-फूटकर रो पड़ीं और बुआ इंदु डावर की कांपती आवाज पूरे माहौल को सन्न कर गई—”अब किसका इंतजार करूंगी मैं?”
अंतिम विदाई में भीग गईं आंखें, कांप गया शहर
सुशील की अंतिम यात्रा उनके निवास वीणा नगर B-68 से शुरू हुई और चर्च में अंतिम प्रार्थना के बाद कब्रिस्तान पहुंची। ईसाई रीति-रिवाजों से हुए अंतिम संस्कार में मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, कांग्रेस नेता सदाशिव यादव सहित कई सामाजिक व राजनीतिक चेहरे श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान पिता बेसुध दिखे और बेटी आकांक्षा, जिसकी टांग में हमले के दौरान गोली लगी थी, चुपचाप पिता को देखती रही।
“हम तो घूमने निकले थे…” – जेनिफर की टूटी आवाज
पत्नी जेनिफर, जो खातीपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं, ने रोते हुए कहा—”हम तो बस घूमने गए थे… सुशील ने सोचा था बच्चों को कश्मीर दिखा लाएं…” 18 अप्रैल को परिवार कश्मीर पहुंचा था, लेकिन 22 अप्रैल को बैसारन घाटी में जो हुआ, उसने सबकुछ छीन लिया। सुशील की मौत के साथ ही पूरा परिवार बिखर गया। बेटी आकांक्षा सूरत में बैंक अधिकारी हैं और बेटा ऑस्टिन एक उभरता हुआ बैडमिंटन खिलाड़ी है।
“हर बार आते थे, पहले बुआ से मिलते थे”
सुशील का पैतृक घर जोबट (आलीराजपुर) में है। उनकी बुआ इंदु डावर, जो वहीं रहती हैं, सुशील से खासा जुड़ाव रखती थीं। बुआ की आंखें भर आईं जब उन्होंने कहा—”हर बार आते थे तो पहले मुझसे मिलते थे… अब कौन आएगा? अब किसका इंतज़ार करूंगी मैं?”