लेह। लद्दाख के दक्षिणी क्षेत्र में एक दुखद दुर्घटना में दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) ने अपनी जान गंवा दी। यह घटना रविवार को लेह से 150 किलोमीटर दूर न्योमा इलाके में स्थित एक शिविर में हुई, जहां पानी की टंकी फटने के कारण सूबेदार संतोष कुमार और नायब सूबेदार सुनील कुमार की मौत हो गई। सेना ने इन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया।
घटना और शोक जताने की प्रक्रिया
घटना के बाद से सेना के अधिकारियों ने इस दु:खद घटना पर शोक जताया। उत्तरी सेना के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल सुचिंद्र कुमार ने इस बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन जवानों ने अपने कर्तव्य के प्रति अपनी जान की आहुति दी। शोक व्यक्त करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने फायर एंड फ्यूरी कोर के अधिकारी और रैंक के सभी कर्मचारियों के साथ मिलकर इन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा गया, “हम सूबेदार संतोष कुमार और नायब-सूबेदार सुनील कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने लद्दाख में अपने कर्तव्य को निभाते हुए अपनी जान दी। हम उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और इस दुख की घड़ी में उनके साथ हैं।”
पुलिस जांच और निष्कर्ष
सेना के अधिकारियों के अनुसार, रविवार को पानी की टंकी फटने से यह दुर्घटना हुई, लेकिन पुलिस ने इस घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि घटना की पूरी स्थिति की जांच की जा रही है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि यह हादसा कैसे हुआ।
सेना द्वारा श्रद्धांजलि
यह घटना सेना के लिए एक बड़ी क्षति है, और इसने पूरे देश को शोकित कर दिया है। इन दोनों सैनिकों के कर्तव्य के प्रति समर्पण और बलिदान को याद करते हुए, सेना ने अपने सर्वोच्च सम्मान में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
दूसरी ओर, शोक संतप्त परिवारों को सेना और उनके सहकर्मियों द्वारा हर संभव समर्थन और सहानुभूति दी जा रही है। इस घटना ने यह भी प्रदर्शित किया है कि हमारे सैनिक अपने देश की सेवा में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो।
सेना के भावनात्मक संदेश
इस हादसे के बाद, सेना ने अपने सभी अधिकारियों और जवानों से अपील की है कि वे ऐसी दुखद घटनाओं से उबरने के लिए एकजुट रहें। सेना का कहना है कि यह समय एक दूसरे के साथ खड़े रहने का है और इन बहादुर जवानों का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।