October 25, 2025 2:52 AM

कुरनूल बस हादसा: आग में जिंदा जले 20 यात्री, पूरी तरह खाक हुई बस

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कुरनूल बस हादसा: आग में जिंदा जले 20 यात्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

बेंगलुरू से हैदराबाद जा रही बस में भीषण आग, दरवाजा जाम होने से नहीं बच सके लोग

बेंगलुरू, 24 अक्टूबर। आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। बेंगलुरू से हैदराबाद जा रही एक निजी ट्रैवल्स बस में दोपहिया वाहन से टक्कर के बाद भीषण आग लग गई, जिससे बस में सवार 20 यात्रियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई। हादसा कुरनूल के चिन्नातेकुर गांव के पास तड़के करीब सुबह 3:00 बजे हुआ। बस में कुल 41 यात्री सवार थे।

पुलिस के अनुसार, टक्कर के बाद मोटरसाइकिल बस के नीचे जा फंसी और ईंधन टैंक से पेट्रोल का रिसाव होने लगा। चिंगारी लगते ही आग भड़क उठी और कुछ ही मिनटों में पूरी बस आग की लपटों में घिर गई। आग इतनी भीषण थी कि बस का दरवाजा शॉर्ट सर्किट से जाम हो गया और यात्री बाहर नहीं निकल सके। कुछ ही पलों में बस जलकर राख हो गई।


घटनास्थल पर चीख-पुकार और अफरा-तफरी, 21 लोगों को बचाया गया

हादसे के वक्त अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे। जैसे ही बस में आग लगी, यात्रियों में चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। कई लोग सीटों में फंस गए और बाहर निकल नहीं पाए। पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और 21 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि 20 यात्रियों की मौत हो गई।

कुरनूल जिला कलेक्टर डॉ. ए. सिरी ने बताया कि “यह हादसा बेहद दर्दनाक था। अधिकांश शव जलने के कारण पहचान में नहीं आ पा रहे हैं। अब तक 11 शवों की पहचान हो चुकी है और बाकी की प्रक्रिया जारी है।”


ड्राइवर फरार, पुलिस ने की जांच शुरू

हादसे के बाद बस का ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में लापरवाही और तकनीकी खराबी दोनों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कुरनूल के पुलिस उप महानिरीक्षक कोया प्रवीण ने बताया कि “बस का दरवाजा शॉर्ट सर्किट से जाम हो गया था, जिससे यात्री बाहर नहीं निकल पाए।”

बस कंपनी ‘वी कावेरी ट्रैवल्स’ की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि यदि कंपनी ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


पूरा परिवार जिंदा जला — चार लोगों की दर्दनाक मौत

इस हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। नेल्लोर जिले के एक ही परिवार के चार सदस्य—रमेश (37), पत्नी अनुषा (32), बेटा मनीष (12) और बेटी मनिथवा (10)—की मौके पर ही मौत हो गई। बताया गया है कि रमेश एक निजी कंपनी में कार्यरत थे और परिवार के साथ हैदराबाद लौट रहे थे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बस में कई यात्रियों के शव एक-दूसरे के ऊपर पड़े थे, जिससे पहचान कठिन हो गई।


घायलों को कुरनूल अस्पताल में भर्ती कराया गया

पुलिस और दमकल कर्मियों ने राहत कार्य शुरू करते हुए आग पर काबू पाया। घायल यात्रियों को कुरनूल जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला प्रशासन ने पीड़ितों के परिवारों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर डॉ. ए. सिरी ने कहा, “घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे की घोषणा

इस दर्दनाक हादसे पर देश के शीर्ष नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा —
“आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस अग्निकांड की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा —
“आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हुई दुर्घटना में जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।”

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।


मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया गहरा दुख

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर शोक जताते हुए कहा —
“कुरनूल जिले के चिन्नातेकुर के पास हुई बस दुर्घटना की खबर ने मुझे झकझोर दिया है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। सरकार घायलों और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देगी।”


अंधेरे में धधकती बस, मीलों तक दिखाई दी आग की लपटें

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने के कुछ ही मिनटों में बस पूरी तरह जलकर राख हो गई। आसपास के लोगों ने बताया कि बस से उठती आग की लपटें मीलों दूर से दिखाई दे रही थीं। कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन घने धुएं और गर्मी के कारण वे असफल रहे।


जांच जारी, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

इस हादसे ने निजी बस कंपनियों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यात्रियों का कहना है कि अधिकांश निजी बसों में आपातकालीन निकास (Emergency Exit) काम नहीं करते और बसों में अग्निशमन उपकरण भी नहीं होते।

आंध्र प्रदेश सरकार ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष टीम गठित की है। टीम यह भी जांचेगी कि क्या बस में सुरक्षा उपकरण मौजूद थे और क्या ट्रैवल कंपनी ने नियमों का पालन किया था।


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