October 15, 2025 3:26 AM

कुपवाड़ा में 12 घंटे चली मुठभेड़ में दो आतंकी ढेरभारतीय सेना ने नाकाम की घुसपैठ की कोशिश, हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद

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कुपवाड़ा में 12 घंटे चली मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, सेना ने नाकाम की घुसपैठ की कोशिश

कुपवाड़ा। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने 12 घंटे चली लंबी मुठभेड़ के बाद दो आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ भारत-पाकिस्तान सीमा के पास कुंबकड़ी के जंगल क्षेत्र में हुई, जहां आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। सेना की सतर्कता और रणनीतिक कार्रवाई के चलते यह प्रयास नाकाम कर दिया गया।

🔥 13 अक्टूबर की शाम से जारी था अभियान

जानकारी के अनुसार, यह ऑपरेशन रविवार 13 अक्टूबर की शाम 7 बजे शुरू हुआ था, जब सेना की चिनार कोर को खुफिया सूत्रों से इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। सूचना के आधार पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम ने क्षेत्र को घेर लिया और तलाशी अभियान प्रारंभ किया। घने जंगल और दुर्गम इलाके में आतंकियों ने अपनी पोजीशन बनाई हुई थी, जिसके कारण मुठभेड़ 12 घंटे से अधिक समय तक चली।

मंगलवार सुबह ऑपरेशन समाप्त होने पर दो आतंकियों को मार गिराया गया। सेना ने बताया कि आतंकवादी पाकिस्तान की ओर से कुपवाड़ा सेक्टर में घुसपैठ की फिराक में थे, लेकिन सतर्क जवानों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

⚔️ आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार बरामद

कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकाने से दो एके-सीरीज राइफलें, चार रॉकेट लॉन्चर, गोला-बारूद का बड़ा जखीरा और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की। बरामद हथियारों से यह स्पष्ट है कि आतंकवादी किसी बड़े हमले की साजिश में थे। सेना ने कहा कि जब तक पूरा क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता, तलाशी अभियान जारी रहेगा।

🪖 चिनार कोर की खुफिया जानकारी से चला अभियान

अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान श्रीनगर स्थित भारतीय सेना की चिनार कोर को मिली सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया। जानकारी मिलते ही सेना की विशेष इकाई ने क्षेत्र की नाकेबंदी की और आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया। रातभर चली गोलीबारी के बाद सुबह होते-होते दोनों आतंकी मारे गए।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हाल के दिनों में सीमा पार से आतंकियों की गतिविधियाँ बढ़ी हैं, विशेषकर उत्तरी कश्मीर के जंगल क्षेत्रों में। सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) के समीप गश्त और निगरानी बढ़ा दी है।

🕊️ हालिया घटनाओं से जुड़ा आतंकी नेटवर्क

इससे पहले 8 सितंबर को भी जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुड्डर क्षेत्र में इसी प्रकार की मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया था। उस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन गुड्डर’ नाम दिया गया था। उस कार्रवाई में दो जवान शहीद हुए थे, जबकि एक आतंकी की पहचान शोपियां निवासी आमिर अहमद डार के रूप में हुई थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। वह सितंबर 2023 से सक्रिय था और पहलगाम हमले के बाद जारी आतंकवादियों की सूची में शामिल था।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कुपवाड़ा के इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों का भी संबंध इसी नेटवर्क से हो सकता है।

🚨 सीमा पार से बढ़ी घुसपैठ की कोशिशें

सेना अधिकारियों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कुपवाड़ा, उरी और राजौरी सेक्टरों में घुसपैठ के प्रयासों में तेजी आई है। पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को भेजने की कोशिशें लगातार जारी हैं। भारतीय सेना ने इन प्रयासों को विफल करने के लिए अपनी निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया है। आधुनिक ड्रोन सर्विलांस, नाइट विजन डिवाइस और स्थानीय खुफिया तंत्र के सहयोग से सीमा सुरक्षा को अभेद्य बनाया जा रहा है।

🛡️ सेना की रणनीति और स्थानीय सहयोग

सेना ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों और खुफिया सूत्रों से मिली सूचनाएँ इस ऑपरेशन की सफलता में अहम रही हैं। गांवों में रहने वाले लोग अब संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत सेना को दे रहे हैं, जिससे कई बड़ी घटनाएँ टल चुकी हैं।

💬 सेना का बयान

कुपवाड़ा परिक्षेत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया —
“यह ऑपरेशन चिनार कोर की सटीक सूचना के आधार पर शुरू किया गया था। आतंकियों को घेरने के बाद लम्बी मुठभेड़ हुई, जिसमें दो आतंकी मारे गए। क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और आतंकी छिपा न हो।”

🌄 सीमांत इलाकों में बढ़ी चौकसी

कुपवाड़ा, कर्नाह और तंगधार क्षेत्रों में सेना ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। नियंत्रण रेखा पर गश्त बढ़ा दी गई है और जंगलों में विशेष निगरानी दल सक्रिय हैं। सेना का कहना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों की कोशिश है कि सर्दियों से पहले घुसपैठ की जाए, लेकिन भारतीय सुरक्षा तंत्र पूरी तरह सतर्क है।

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