मुरैना। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर चीतों का समूह जंगल की सीमा लांघते हुए मुरैना जिले तक पहुंच गया है। इस बार पांच चीते एक साथ जौरा के पगारा डैम के पास सड़क पार करते हुए देखे गए, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है। यह घटना रविवार सुबह की है, जब कुछ राहगीरों ने इन चीतों को सड़क पर घूमते देखा और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

डैम, कोठी और देवगढ़ की पहाड़ियों में कर रहे आराम

वन विभाग के डिप्टी रेंजर विनोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि ये चीते कूनो के श्योपुर क्षेत्र से कैलारस होते हुए जौरा इलाके में दाखिल हुए हैं। वर्तमान में ये पगारा डैम, कोठी और जोगी देवगढ़ गांव के आसपास की पहाड़ियों पर विश्राम कर रहे हैं। उनके साथ चार 'चीता मित्र' तैनात हैं जो लगातार इन पर नजर बनाए हुए हैं।

कॉलर ट्रैकिंग से मिल रही लोकेशन

इन चीतों के गले में लगे रेडियो कॉलर से उनकी मूवमेंट की रियल टाइम जानकारी वन विभाग को मिल रही है। जैसे ही चीतों की लोकेशन मिली, जौरा वन क्षेत्र की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। अभी तक चीतों ने किसी ग्रामीण या पशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से निगरानी बढ़ा दी गई है।

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ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

वन विभाग ने ग्रामीणों से अलर्ट रहने और सावधानी बरतने की अपील की है। खासतौर पर ग्रामीणों को खेतों में अकेले न जाने, बच्चों को घर के भीतर रखने और किसी भी चीते को देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है, विभाग पूरी तरह सक्रिय है और चीते वन क्षेत्र की ओर वापस लौट सकें, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

क्यों भटकते हैं चीते?

विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में बारिश और पर्यावरणीय बदलावों के कारण चीते अपने इलाके से भटक सकते हैं। इसके साथ ही शिकार की तलाश, प्राकृतिक सीमा का अभाव और अनुकूल स्थलाकृति भी इनकी आवाजाही के पीछे प्रमुख कारण होते हैं। चूंकि कूनो नेशनल पार्क का इलाका पूरी तरह से बाड़बंदी से सुरक्षित नहीं, ऐसे में चीतों का बाहर निकलना कोई नई बात नहीं रही है।