मुंबई। स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा को बॉम्बे उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लगाते हुए आदेश दिया कि इस मामले में जांच जारी रह सकती है, लेकिन अगली सुनवाई तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती।
यह मामला मुंबई में आयोजित एक स्टैंडअप शो के दौरान कुणाल कामरा द्वारा एक गाने के ज़रिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘गद्दार’ कहे जाने से जुड़ा है। इस पर शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
तमिलनाडु जाकर लिया जाएगा बयान
कोर्ट ने मुंबई पुलिस को निर्देश दिया है कि कुणाल कामरा का बयान तमिलनाडु की स्थानीय पुलिस की सहायता से लिया जाए, जहां वे फिलहाल मौजूद हैं। इस बीच, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस चाहे तो जांच पूरी कर निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर सकती है, लेकिन अदालत तब तक उस पर संज्ञान नहीं लेगी जब तक उच्च न्यायालय कोई अगला आदेश नहीं देता।
कामरा की दलीलें और याचिका
कॉमेडियन कुणाल कामरा की ओर से वरिष्ठ वकील मीनाज काकलिया ने अदालत में याचिका दायर कर FIR को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया कि एकनाथ शिंदे को इससे पहले भी कई नेताओं द्वारा ‘गद्दार’ कहा गया है, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कामरा के माता-पिता को परेशान किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
न्यायिक संरक्षण, लेकिन केस जारी
हालांकि कोर्ट ने फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगाई है, लेकिन FIR को रद्द करने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अदालत ने साफ किया कि यह आदेश याचिका लंबित रहने तक लागू रहेगा और पुलिस जांच स्वतंत्र रूप से जारी रह सकती है।
यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक व्यंग्य और कानून की सीमाओं के टकराव का ताज़ा उदाहरण बन गया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
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